लौह अयस्क माइंस में स्थानीय की ही नियुक्ति होनी चाहिए-बामिया पूर्ति
सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में सारंडा क्षेत्र में इन दिनों युवाओं में बेरोजगारी की समस्या बिकराल रूप ले लिया है।
इसे लेकर मनोहरपुर के पूर्व जिला पार्षद सह पश्चिम सिंहभूम झामुमों कमेटी सदस्य बामिया माझी काफी चिंतित है।
बामिया माझी ने सारंड क्षेत्र में चल रहे माइंस में स्थानीय युवाओं की ही नियुक्ति किए जानें की वकालत की है। उन्होंने 8 अप्रैल को एक भेंट में कहा कि सारंडा क्षेत्र में स्थित लौह अयस्क माइंस में यदि कहीं से भी बाहरी की नियुक्ति होती है तो पूर्व की तरह इसका विरोध किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सेल किरीबुरु तथा मेघाहातुबुरु मे 25 बाहरी कामगारों की नियुक्ति की संभावना है। देखा जाए तो सिंहभूम (पश्चिम) जिले के किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, गुवा और चिरिया लौह अयस्क खदानों में बीते कई वर्षों से तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय नियोजनालय के माध्यम से कोई नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि उच्च न्यायालय द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि इन पदों पर नियुक्ति स्थानीय स्तर पर की जानी चाहिए।
मनोहरपुर के पूर्व जिला पार्षद सह पश्चिम सिंहभूम झामुमों कमेटी सदस्य माझी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सेल माईंस क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र बताते हुए कहा है कि विकास की दौड़ में पहले से ही सारंडा पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है।बावजूद इसके रोजगार की सबसे बड़ी संभावना मानी जाने वाली खदानों में स्थानीय बेरोजगारों को अवसर नहीं मिल पा रहा है। कहा कि स्थानीय आदिवासी युवा बड़ी संख्या में आईटीआई, डिप्लोमा एवं अन्य तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, ताकि उन्हें खदानों में रोजगार मिल सके। लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया बंद होने के कारण वे अपने घरों में बेरोजगार बैठे हैं।
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