प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के अंगवाली में श्रीरामचरित मानस नवाह पारायण महायज्ञ के दौरान नित्य पूजा, परिक्रमा व रात्रि प्रवचन से पूरे गांव मे भक्ति की बयार बह रही है।
महायज्ञ के दौरान उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से पधारे मानस मार्तण्ड धर्मराज शास्त्री ने भरत चरित प्रसंग का उल्लेख करते हुए अपने सारगर्भित प्रवचनों से बेवाक विश्लेषण किया। कहा कि रामायण मे भ्राता भरत का प्रभु श्रीराम के प्रति स्नेह व प्रेम की प्रगढ़ता आज के समाज के लिए वास्तव मे प्रेरणा श्रोत है।
उन्होंने कहा कि भातृत्व प्रेम को दिगदर्शित करते हुए भरतजी भारद्वाज मुनी के आश्रम मे उदास व मलिन चेहरा लिए हुए पहुंचे। ऐसी स्थिति को देख मुनी भारद्वाज ने उनसे पूछ ही लिया कि रात मे नींद, दिन मे भूख नहीं लगने का कारण माता की करनी, पिता का स्वर्गवास, परलोक बिगड़ने आदि की आशंका तो नही?
ऐसे मे भ्राता भरत ने बताया कि नहीं मुनिवर, मेरे दिल मे तो सिर्फ भैया राम के चौदह वर्षों तक वनवास की व्यथा समाई हुई है। स्पष्ट किया कि आज के भाईओं के बीच आपसी वैमनस्ता स्थापित हो जाती है। थोड़ी सी भूमि के चक्कर मे वे एक दूसरे के दुश्मन बन जाते है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या से आयी मानस मंजरी शांति श्रेया ने राम-केवट संवाद को बखूबी प्रस्तुत किया। सुनकर श्रोता गदगद हो गए।विंद्याचल से आये इन्द्रेश जी ने राजा हरिश्चंद्र की विश्वामित्र मुनि द्वारा उनकी दानी होने की सत्यता की ली गई परीक्षा का उन्होंने सटीक वर्णन किया।
यज्ञ समिति अध्यक्ष रामबिलास रजवार, संस्थापक गौर बाबा, मंच संचालक संतोष नायक, नित्य प्रातः साफ, सफाई मे योगदान देने वाली विधवाशनि अक्षय ट्रस्ट की आधा दर्जन माताएँ सराहनीय योगदान दे रही हैँ। डॉ देवाशीष विश्वाश नित्य अपनी ओर से मानस के व्यास मंच पर विराजमान पूरे टीम, पुजारियों, सभी युवक, युवतियां पाठकी को फलाहार भेट कर रहे हैं।
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