प्रबंधन से वार्ता में न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुपालन पर सहमति

नियोजन की मांग को ले जेसीएमयू नेता व् क्षेत्रीय प्रबंधन के बीच वार्ता

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्रीय प्रबंधन से सकारात्मक वार्ता के बाद झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन नेता द्वारा आहूत आंदोलन को वापस ले लिया गया।

जानकारी के अनुसार कथारा क्षेत्र के स्वांग वाशरी में फर्जी तरीके से नियोजन तथा आरोपो को लेकर प्रबंधन द्वारा फर्जी कामगारों को बैठाए जाने के बाद से वास्तविक कामगार को नियोजन नहीं दिए जाने का मामला अब तक लंबित रहा है। जबकि वास्तविक मजदूरों की आपत्ति के बाद भी उन्हें नियोजित नहीं करने के सवाल पर लगातार आंदोलन के बाद अंतत 17 मार्च को कथारा क्षेत्रीय प्रबंधन तथा वास्तविक दावेदारों का प्रतिनिधित्व कर रहे जेसीएमयू नेता मुमताज आलम के साथ वार्ता की गई। वार्ता में प्रबंधन द्वारा न्यायाधिकरण के निर्णय के अनुपालन की बात कह आंदोलन नहीं करने की अपील की गई।

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जेसीएमयू नेता मुमताज आलम ने कहा कि वर्ष 1996 में स्वांग वाशरी में स्थाई प्रकृति के कार्य से प्लांट के क्लिनिंग मजदूर बैठाये गए थे। जिनकी संख्या 315 था। उन्हें केंद्रीय श्रम मंत्रालय के निर्णय के आलोक में नियोजन को लेकर न्यायाधिकरण धनबाद के ट्रिब्यूनल वन (आरएलसी) द्वारा वर्ष 2010 में 182 मजदूरों को सीसीएल प्रबंधन द्वारा नियोजन दिया गया था। यह दो पेज में किया गया। उन्होंने बताया कि कुछ तथाकथित यूनियन नेताओं के मिली भगत से फर्जी मजदूरों का रोस्टर बनाकर वैसे फर्जी मजदूरों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया था।

उनके द्वारा आपत्ति के बाद प्रबंधन ने न्यायाधिकरण के आदेश पर बोकारो एसपी कार्यालय से फर्जी पाये जाने के बाद सभी को बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि जो वास्तविक मजदूर काम से बैठाये गए थे वैसे अधिकांश मजदूर नौकरी की उम्र सीमा पार कर चुके हैं।

जिसमें कई अन्य की उम्र अब शेष है। बावजूद इसके प्रबंधन नियोजन देने में टालमटोल की नीति अपना रही है। उनके द्वारा इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी के बाद आज प्रबंधन के साथ सोहद्रपूर्ण वार्ता हुई, जिसमें क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन रामानुज प्रसाद द्वारा न्यायाधिकरण अथवा उच्च न्यायालय से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश प्राप्त होने के बाद दावेदारों की सत्यता के आधार पर नियोजन देने की सहमति बनी।

प्रबंधन द्वारा कहा गया कि इसमें प्रबंधन वास्तविक दावेदारों के साथ रहेगी, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो। प्रबंधन द्वारा अपील किया गया कि मार्च माह उत्पादन माह को लेकर आंदोलन न की जाए, जिसे यूनियन व उपस्थित मजदूरों ने स्वीकार करते हुए आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की।
मौके पर उपरोक्त के अलावा अरविंद सिन्हा, महेंद्र रजक, कालेश्वर प्रजापति, शिव राम निषाद, श्रीमती देवी, परमेश्वर प्रजापति, सुक्ता बाई, परशुराम महतो, लखन माली, वासुदेव महतो, नीलकंठ धोबी, बाबू राम, दुर्योधन धोबी, किट्टू रविदास के अलावे दर्जनों मजदूर साथी उपस्थित थे।

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