निर्माणों के युग में हम चरित्र निर्माण ना भूलें-कथावाचक रंगनाथाचार्य

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर के सबलपुर स्थित संकट मोचन मन्दिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अष्टम एवं अंतिम दिन 9 मार्च को कथावाचक जगद्गुरु रामानुजाचार्य रंगनाथाचार्य जी महाराज ने कहा कि निर्माणों के युग में हम चरित्र निर्माण को न भूलें।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां शिष्य गुरु परम्परा रही है। जब हम गुरु परम्परा में चले जाते हैं तो गुरु हमारे कर्णधार बन जाते हैं। विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां भगवान का अवतरण होता है। हम भारतीय ही हैं जो अपने देश को, अपनी जन्मभूमि को, भारत माता कहते हैं। दूसरे देश में ऐसा नही है। जननी जन्मभूमिस्च स्वर्गादपि गरियशी का संदेश प्रभु श्रीराम ने दिया।

कथावाचक रंगनाथाचार्य ने कहा कि हमारे युवा आजकल पढ़ लिख कर अपना देश तथा अपनी जन्मभूमि छोड़कर विदेश चले जाते हैं। सिर्फ अपने उत्थान की सोंच के साथ, जबकि हमलोगों का चिंतन होना चाहिए कि हमारा देश वैभवशाली बने। उन्होंने कहा कि हमारे यहां वैदिक मंत्रो में भी माता लक्ष्मी से निवेदन किया गया है कि आप हमारे यहां संतान के रूप में प्रकट हों। ऐसा श्रीशुक्त में भी वर्णन है।

तभी माता सीता के रूप मे माता लक्ष्मी का अवतरण हमारे देश मे हुआ है। इदम राष्ट्राय स्वाहा, इदम राष्ट्राय नमः। कहा कि सभी प्राणी में श्रीराम को देखना तथा श्रीकृष्ण को देखना चाहिए। जो सदग्रंथों का चिंतन करें और अपने जीवन में धारण करें। उन्ही विचारों पर चलने के लिए प्रेरित करें, उन्ही को संत कहते हैं, आचार्य कहते हैं। मनष्येकम, वचष्येकम, कर्मण्येकम महात्माना। मन, वाणी और कर्म तीनों जिसका एक हो जाए उसे ही महात्मा कहते हैं।

उन्होंने कहा कि यह महात्माओं का देश है। कहा कि गुरुवर ने कहा है कि जो फल योग से, तपस्या से प्राप्त नही होता है वह फल कलयुग मे सिर्फ भगवान का नाम लेने से मिल जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम रोज लीजिये, जहां रहिए वहीं भगवान का नाम लीजिये।

कथावाचक रंगनाथाचार्य ने कहा कि हमारा धर्म कहता है सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे संतु निरामया अर्थात सभी प्राणी सुखी रहें, सभी का कल्याण हो। पुत्रवती माँ वही है जिसका बेटा भगवान का भक्त है। पुत्रवान पिता वही है जिसका पुत्र भगवान का भक्त है। अतः अपने पुत्र को अच्छे संस्कार दें। भगवान के भक्त जरूर बनाए। कथा के अंत मे गुरुवर ने कहा कि हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना को मानने वाले हैं, जो संसार के सभी प्राणियों को अपना कुटुंब मानते हैं। अपने परिवार का मानते हैं।

कथा श्रवण में मुख्य रूप से बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के मंत्री केदार गुप्ता, विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद कुमार, पूर्व विधान पार्षद मुन्ना सिंह, आयोजन समिति के प्रशांत विक्रम, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेम कुशवाहा, सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह, गुरुकुलम के आचार्य रौशन पांडेय, प्रसिद्ध कथा वाचिका साध्वी लक्ष्मी माता, साध्वी मीरा दास, अर्चना राय भट्ट, धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार सिंह, सन्त रविदास मन्दिर समिति के अध्यक्ष बिनोद सम्राट, कथा संयोजक संजय कुमार सिंह, डॉ आशुतोष कुमार, मुखिया पति दयाशंकर राय, डॉ त्रिभुवन झा, नरेषु सिंह, उमेश राय, यशवंत कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव, मिलन कुमार, सुशील अग्रवाल, उच्च न्यायालय पटना के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह, संजीत कुमार सहित सैकड़ों मातृशक्ति की उपस्थिति रही।

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