व्यवस्था बदलने व् संघर्ष करनेवाली महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण है महिला दिवस-रेणु दास
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को बोकारो जिला के हद में एकेकेओसीपी फेज- टू कश्मीर कॉलोनी में महिलाओं द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रीता गुप्ता और संचालन मंजू देवी ने किया।
मौके पर जनवादी महिला समिति (ऑल इंडिया डेमोक्रेटीक वूमन एसोसिएशन) की बोकारो जिला सचिव रेणु दास ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन संघर्षशील महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण है जो वर्तमान पूंजीवादी, सामंतवादी व्यवस्था को बदल कर समानता पर आधारित व्यवस्था बनाने के लिए प्रयत्नशील हो।
कहा कि समानता पर आधारित व्यवस्था जिसे हम समाजवाद के नाम से जानते हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वैसा नहीं है, जैसा भारत में बना दिया गया है। महिलाओ के लिए खाना बनाने की प्रतियोगिता करवाना, गहनो, साडियों और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में कथित तौर पर कुछ छूट दे देना, रंगोली और मेंहदी लगाने की प्रतियोगिता करवाना या सजी- धजी महिलाओ का परिधान प्रदर्शन- रैप शो करवाना है। यह महिलाओ के होने को खोखले शब्दों से गौरवान्वित करना या उनकी उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देना भी नही है।
यह मूलत: महिला विरोधी पूंजीवादी सामंती सोच वाली ताकतों द्वारा इस दिवस को हड़पने, उसे प्रतिकात्मक बनाने के लिए उसमें घुसेडी गई अभद्रता है। महिला नेत्री रेणु दास ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकारों और मुक्ति के लिए किए गए संघर्ष को याद करने, उनकी उपलब्धियों और सीमाओं का जायजा लेकर भविष्य में उसे और तेज तथा सार्थक बनाने की योजना बनाने का दिन होता है।
कार्यक्रम में रीता देवी, रजनी देवी, पालो देवी, जमुनी देवी, मंजू देवी, बुलबुल कुमारी, ललिता देवी, अंछी देवी, सुमित्रा देवी, मीना देवी, लक्ष्मी देवी, सवीता देवी, रागनी देवी, संगीता कुमारी, गीता देवी, तीनकाही देवी आदि महिलाएं शामिल थी।
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