एक अस्पताल पर आर्थिक दंड व् 4 अस्पतालों को ध्यान से कार्य करने की दी गई चेतावनी
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला उपायुक्त के निर्देश पर 5 मार्च को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक की गई। अध्यक्षता सिविल सर्जन ने की। मौके पर स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न चिकित्सक सहित अन्य उपस्थित थे।
जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक में संबंधित मामलों के विषय पर चर्चा की गई, जिसमें 16 प्राइवेट अस्पतालों को नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट (नाफु) द्वारा चिन्हित किया गया था, जिसमें से 5 अस्पताल सक्रिय है तथा 10 असूचीबद्ध कर दिया गया है। वहीं एक अस्पताल निलंबित है। इन सभी 16 अस्पतालों में इलाज संबंधित जो त्रुटियां नाफु द्वारा चिन्हित किया गया था उस पर बैठक में चर्चा की गयी।
सक्रिय 5 अस्पतालों में से एक अस्पताल पर आर्थिक दंड लगाया गया तथा बाकी 4 अस्पतालों को ध्यान से कार्य करने की चेतावनी दी गई। निलंबित अस्पतालों में से उन अस्पतालों को चिन्हित किया गया जिनका आर्थिक रिकवरी नहीं किया गया था। उसे पुनः कराने रिकवरी हेतु जेएसएएस रांची को परामर्श देने पर चर्चा किया गया।
सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद के अनुसार जिन 16 प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित किया गया उसमें मुस्कान हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, भारत हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, वृत्ति डायलिसिस, जैन हॉस्पिटल, सेवा सदन, आशा हॉस्पिटल, आशा शशि हॉस्पिटल, सिटी केयर हॉस्पिटल एंड हार्ट सेंटर, ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लीला जानकी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, नीलम हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, प्रुडेंस हॉस्पिटल, आरएनबी हॉस्पिटल, पाल आई रिसर्च सेंटर, संजीवनी हेल्थ केयर सेंटर, सेंट ओपल हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर व् खुशी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल शामिल है।
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