अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के सबलपुर बभनटोली स्थित शांति धाम योगिराज गोरखाई नाथ परिसर में 22 फरवरी को स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती मनाई गयी।
स्वामी सहजानंद विचार मंच के बैनर तले स्वामी सहजानंद सरस्वती की अंग्रेजी तिथि के अनुसार 22 फरवरी को 136वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता ब्रज किशोर शर्मा एवं मंच संचालन धर्मनाथ शर्मा ने किया।
जयंती समारोह के मुख्य अतिथि वामपंथी विचारक जय प्रकाश ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अंग्रेजी हुकुमत एवं जमींदारों के जोर, जुल्म एवं अत्याचार से व्यथित होकर स्वामी सहजानन्द सरस्वती ने सोनपुर मेला में जमींदारों के खिलाफ किसानों को संगठित करने के लिए 17 नवम्बर 1929 को बिहार राज्य किसान सभा का स्थापना किया था।
उन्होंने कहा कि जमींदारों के पक्ष में ब्रिटिश सरकार द्वारा बिहार असेम्बली में किसान विरोधी काश्तकारी बिल पास कराने के साजिश के खिलाफ चलाये गये आंदोलनों से डरकर अंग्रेजों ने किसान विरोधी उस काश्तकारी बिल को असेम्बली से वापस ले लिया और उसने लिखा कि बिहार राज्य किसान सभा के विरोध के कारण काश्तकारी बिल को वापस लिया जाता है। यह किसान सभा की पहली ऐतिहासिक जीत थी।
उन्होंने कहा कि किसान सभा ने इस दौरान अमवारी, सबलपुर (सोनपुर), नियामतपुर और रेवरा का किसान आन्दोलन को सफलता पूर्वक संचालित किया, जो काफी चर्चित हुआ। बाद में बिहार राज्य किसान सभा ने जमींदारी प्रथा समाप्त करने का प्रस्ताव पास किया, जिसके दबाव में आकर 1950 में सबसे पहले बिहार में जमींदारी प्रथा समाप्त करने का कानून बना और जमींदारी जोर-जुल्म से किसानों को मुक्ति दिलायी गयी। उन्होंने कहा कि आज नए रुपों में किसान विरोधी कानून बनाये जा रहे हैं।
बगैर पूर्व तैयारी के भू-सर्वे किया जा रहा है, जिसमें कई तरह के समस्याएं और अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है। टोपोलैन्ड, वासगीत का पर्चा, बटाईदारों का निबंधन बड़े पैमाने पर लम्बित है। किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिलना कर्ज मुक्ति, पेंशन आदि सवालों को लेकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।बिहार राज्य किसान सभा के लिए यह एक चुनौती है।
इस मौके पर स्वर्ण पदक् प्राप्त पटना विश्वविद्यालय के प्रो्० विष्णु प्रभाकार ने स्वामी जी के जीवन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी और उन्हें किसानों का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह स्वामी जी ने अपने जीवन को देश और किसानों की सेवा मे लगा दिया।
समारोह को संबोधित करते हुए विजय कुमार शर्मा ने स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सबलपुर दियारा, सोनपुर किसान आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष जानकारी दी। पूर्व मुखिया दीपक शर्मा ने स्वामी जी के रास्ते पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रेम कुमार शर्मा, अशोक शर्मा, बिजेन्द्र शर्मा, राज नारायण शर्मा, मुकेश कुमार शर्मा, अविनाश कुमार शर्मा, राहुल रंजन, आनंद प्रकाश, सर्वेश्वर कुमार शर्मा आदि की सहभागिता रही।
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