मुख्यमंत्री की सभी आठ विकासात्मक घोषणाओं को मिली प्रशासनिक स्वीकृति

सारण के जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सप्ताह अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में सारण जिला से संबंधित आठ महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। जिलाधिकारी (डीएम) अमन समीर ने 7 फरवरी को जिला समाहरणालय छपरा स्थित सभा कक्ष में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर उपरोक्त जानकारी दी।

डीएम ने प्रेस वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सभी योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने सभी स्वीकृत योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि ₹239 करोड़ की लागत से सारण तटबंध पर 40वें किलोमीटर से 80वें किलोमीटर तक पूर्व से स्वीकृत सिंगल लेन पथ के चौड़ीकरण का कार्य होगा।

डीएम ने बताया कि जिला के हद में सोनपुर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर क्षेत्र के समग्र विकास योजना को भी स्वीकृति मिल गई है। पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत छपरा सदर प्रखंड में डोरीगंज बाजार से विशुनपुरा तक एलिवेटेड पथ के निर्माण कार्य की घोषणा और स्वीकृति से राजधानी पटना से छपरा आने वाले वाहनों का आवागमन सुगम होगा। एनएचए को पत्र निर्गत कर एनएचएआई द्वारा रोड स्पेरेटर बनाये जाने पर सहमति दी गई है।

उन्होंने बताया कि ₹89.95 करोड़ की लागत से पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत एनएच-19 के छूटे हुए छपरा सेक्शन पथ का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य की घोषणा को भी प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसी तरह
₹41.66 करोड़ की लागत से ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत एकमा से डुमाइ गढ़ (कुल 10 किलोमीटर) तक पथ का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य की घोषणा की गई थी। इस पथ पर छोटे-बड़े एवं भारी वाहनों का आवागमन होता है। इससे राहगीरों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

₹93.62 करोड़ की लागत से पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत एकमा- मशरख पथ का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य की घोषणा की गई थी। इसके निर्माण से आम जनों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। ₹40.53 करोड़ की लागत से पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत खैरा बिन टोलिया पथ का चौड़ीकरण कार्य की घोषणा की स्वीकृति से छपरा शहर के रहिवासियों को रेलवे स्टेशन तक आने -जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा।

उन्होंने बताया कि पथ निर्माण के अंतर्गत छपरा शहर में सुगम आवागमन के लिए क्रमशः भिखारी ठाकुर ढाला, जगदम कॉलेज ढाला, गड़खा ढाला तथा रामनगर ढाला पर चार नए आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के निर्माण कार्य की घोषणा को भी प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। बिहार के मुख्य सचिव ने रेलवे को पत्र द्वारा अनुरोध किया था।

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