जमाबंदी धारक ने हड़प ली भूमि अधिग्रहण की मुआवजा राशि
रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी ने एक भूमि के प्लाॅट की संपूर्ण रकवा से 73 डीसमिल अधिक जमीन की बिक्री किये जाने के बावजूद जमाबंदी धारक को ग़लत तरीके से भूस्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया। जमाबंदी धारक ने भारतमाला परियोजना फेज-टू (वाराणसी से कोलकाता) एक्सप्रेस-वे निर्माण के तहत भू अधिग्रहण का मुआवजा राशि भी प्राप्त कर लिया।
गौरतलब है कि उसी अंचल अधिकारी कार्यालय में उक्त भूमि की बिक्री के बाद दाखिल खारिज के कई केस लंबित है। यानि फर्जीवाड़ा ऐसा हुआ कि जमाबंदीधारक के दोनों हाथों में लड्डू थमा दिया गया। जानकारी के अनुसार कुल रकवा 1 एकड़ 43 डिसमिल से 73 डिसमिल अधिक जमीन की बिक्री करने के बाद खरीदार से जमीन का मूल्य और उधर भूमि अधिग्रहण के बाद भू-अर्जन से भी मुआवजा का संपूर्ण लाभ ले लिया गया है।
उक्त मामला कसमार अंचल हल्का क्रमांक-4 के अंतर्गत रांगामाटी मौजा के खाता क्रमांक-1, प्लाॅट क्रमांक-364 रकवा 1 एकड़ 43 डीसमिल का है। दरअसल, यह भूमि बकास्त खाते की है, जिसे शिशिर कुमार ठाकुर के नाम जमाबंदी है। जमाबंदी धारक द्वारा जमीन की कुल रकवा से 73 डीसमिल अधिक बिक्री कर दी गयी है।
जिसमें वर्ष 1999 में मंगल महतो को 26 डीसमिल, वर्ष 2021 में अमरेश कुमार महतो, धनंजय महतो और श्याम राम महतो को 47 डी., वर्ष 2022 में रामकिशुन महतो व हीरालाल महतो को 1 एकड़ 2 डी., सुदीन कुमार सिंह को 10 डी., बजरंगी प्रसाद गुप्ता को 10 डी., सरिता सोनी को 10 डी. और नेहा कुमारी को 10 डी. जमीन बेची गयी।
जिससे कुल 2 एकड़ 16 डिसमिल बेच दी गई है। इससे संबंधित दाखिल खारिज के कई केस अंचलाधिकारी के पास लंबित हैं। बावजूद इसके अंचलाधिकारी द्वारा ग़लत तरीके से एलपीसी निर्गत कर जमाबंदी धारक चटर्जी सुबोध कुमार वग़ैरह को मदद पहुंचाया गया।
जबकि भू-अर्जन के तहत अधिग्रहित जमीन का मुआवजा राशि भुगतान प्राप्त करने के पूर्व भू-अर्जन कार्यालय द्वारा हितबद्ध दावाकर्ता रैयत से शर्त के साथ बंध पत्र कराया जाता है कि हितबद्ध जमीन दावाकर्ता रैयत द्वारा बेची नहीं गयी हैं, विवादित नहीं है और मामला किसी न्यायालय में नही चल रही है। बावजूद इसके जमाबंदी धारक द्वारा बंध पत्र का उल्लघंन कर मुआवजा राशि हड़प ली गई है।
दूसरे पक्ष के क्रेताओं ने बोकारो जिला उपायुक्त, अपर समाहर्ता एवं भु-अर्जन पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच-पड़ताल कर फर्जीवाड़ा मामले में संलिप्त कर्मियों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। वहीं कसमार के तत्कालीन अंचलाधिकारी के विरुद्ध भी उपायुक्त एवं अपर समाहर्ता से शिकायत की है।
इस संबंध में जिला भू-अर्जन अधिकारी द्वारिका बैठा का कहना है कि अंचल से एलपीसी लेकर मुआवजा भुगतान किया जाता है। वे रेकाॅर्ड देखने के बाद ही बता पायेंगे कि गड़बड़ी की गयी है या नहीं। गड़बड़ी हुआ तो किस तरह का है। इस संबंध में कसमार के अंचल अधिकारी प्रवीण कुमार ने 22 जनवरी को बताया कि मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है। उन्होंने कहा कि जमाबंदी धारक का पंजी टू में जमाबंदी देखकर भू स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत किया गया होगा।
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