अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व विख्यात हरिहरक्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश नौलखा मंदिर में 13 जनवरी को श्रीगोदा-श्रीरंगनाथ भगवान का विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर दोपहर 2 बजे तक भजन कीर्तन और प्रवचन के साथ श्रीगोदा रंगनाथ भगवान के विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई।
इस पावन अवसर पर हरिहर क्षेत्र पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने
ने कहा कि मृत्यु लोक में आठ बैकुंठ हैं, जिसमें श्रीरंगम एक बैकुंठ ही है। श्रीगोदा जी साक्षात लक्ष्मी हैं, जिनका विवाह श्रीरंगम के राजा भगवान श्री रंगनाथ से हो जाती है। स्वामी जी ने बताया कि तमिल भाषा में गोदा जी को अंडाल भी कहते हैं।श्रीरंगम में तिरुचिरापल्ली जो कन्याकुमारी जाने का मार्ग है, इस मार्ग में श्रीबिल्लीपुटुर नाम का नगर है। उक्त नगर में गोदाजी का अवतार हुआ था। किसी माता के गर्भ से नहीं, किसी स्त्री के गर्भ से नहीं, तुलसी वृक्ष के नीचे से।
तुलसी वृक्ष के जड़ से गोदाजी का अवतार हुआ है। इसलिए हम सभी गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम के सभी सदस्य गोदा विवाह आज के दिन पिछले 26 वर्षों से लगातार मनाते आ रहे है। उन्होंने कहा कि आज के दिन ही गोदा विवाह मनाया जाता है। गोदा विवाह मनाने से भगवान विष्णु की भक्ति में वृद्धि होती है।
लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने कहा कि जब भगवान विष्णु की भक्ति करेंगे, तो लक्ष्मी तो पतिव्रता है। लक्ष्मी स्वयं खिंची चली आएंगी। उन्हें अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्हें किसी वस्तु की कमी नहीं होती है। इससे पूर्व सुबह 10 बजे से श्रीगोदा-श्री रंगनाथ भगवान का विवाह महोत्सव बड़े धूमधाम से हरिहर क्षेत्र पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणचार्य जी महाराज के सानिध्य में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित महा भंडारा में मुख्य रूप से मंदिर प्रबंधक नन्दकुमार राय, समाजसेवी लालबाबू पटेल, दिलीप झा, अमरनाथ सिंह, वीणा देवी, कांति देवी, नारायणी सहित सैकड़ों श्रद्धालुगण शामिल हुए।
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