सेमिनार में पहुंचे मुल्क के अहम तालीमी इदारों के मानिंद
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। दुनियां में माझी, मुस्तक़बिल और मौजूदा कही, अनकही बातों से लबरेज आसमानी किताब कुरआन शरीफ के हर जेर ओ जबर पर चर्चा के लिए अरबी, उर्दू और फारसी के जानकर व दानिशमंद उलेमाओं के बीच मोजकिरा हुआ। जबकि माझी -हाल -मुस्तक़बिल का इशारा आज से तक़रीबन 15 सौ साल पहले ही क़ुरआने पाक में आ चूका है। इतना ही नहीं कुरआन शरीफ में कयामत तक होने वाले मसाईल के बारे में भी लिखा हुआ है। बावजूद इसके वख्त बे वख्त अलग -अलग तर्क सुनने को भी मिलता है।
बहरहाल शिवाजी नगर के लोटस कॉलोनी, दुर्गा सेवा संघ गोवंडी में कुरान शरीफ की तालीम को आम करने के लिए खानकाहे कादरिया अय्यूबया पिपरा कनक कुशीनगर यूपी की शाखा द्वारा चेंबूर के आर बी के बैंकट हॉल में एक सेमिनार का इंतेखाब किया गया। इस सेमिनार में मुल्क के अहम तालीमी इदारों से जुड़ी मानिंद शख्शियात शामिल हुई। सेमिनार की सदारत, मुफ्ती मोहम्मद निजामुद्दीन रजवी ने की।
क़ुरआन करीम के एक इल्फाज़, तीबयान की तशरीह करते हुए कहा क़ुरआन मजीद में माझी -हाल -मुस्तक़बिल का वाज़ेह बयान है। ऐसे में बस देखने वालों की नजर चाहिए, वह कहां तक देख सकते हैं। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा, जम्हूरियत, टेस्ट टीयूब बेबी, डीएनए टेस्ट, इंसानी खून से इलाज वगैरह, तो आज की पैदावार है। लेकिन क़ुरआन मजीद में इन सब के बारे में 1500, साल पहले ही लिखा जा चूका है। क़ुरआने करीम में कयामत तक होने वाले मसाईल के बारे में भी लिखा हुआ है।
गौर करने वाली बात यह है कि ख़ानक़ाहे क़ादरिया अय्यूबया के सजदा नशीन मौलाना मोहम्मद सिब्तैन राजा कादरी अय्यूबी ने क़ुरआन मजीद क्या है उसकी अहमियत क्या है? कुरान मजीद को जो समझा उसकी दिन, दुनिया और आखिरत भी संवर जाती है। इस सेमिनार में आए हुए उलेमा और दानिशमंद उलेमाओं की फूल पोशी के साथ नवाजा गया। इस मौके पर शहर मुंबई की जानी मानी हस्हतियां मौजूद थीं। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व विकास, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री नवाब मलिक और आलिमो के हाथों मजमुअह पेश किया गया। नवाब मलिक के साथ में मोहम्मद हुसैन खान, अनवर खान, फारुक खान, उस्मान खान, मुन्ना भाई, गुलजार मलिक मौजूद थे।
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