एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। भाजपा में रघुवर दास पुनः आए या मरांडी जाए। अब झारखंड की सत्ता में भाजपा का आना मुंगेरीलाल के हसीन सपनो की तरह है।
आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने 10 जनवरी को सत्ता से बेदखल किए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की भाजपा में सदस्यता ग्रहण वापसी के नाम पर भाजपाईयों द्वारा महिमामंडित करने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही।
उन्होंने कहा कि भाजपाई कितना भी नाटक कर ले, मगर झारखंड की जनता ने इनके 17 वर्षो के कार्यकाल को देखा है।
भाजपा द्वारा किये गये झारखंड विरोधी कार्यो के प्रति ही भाजपा को सत्ता से बेदखल किया गया है। नायक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एक असफल मुख्यमंत्री रहे हैं। वे झारखंडी समाज विरोधी भी है। भाजपा आलाकमान के आदेश पर पार्टी में वापसी तथा महिमामंडित कर सिर्फ पार्टी में चल रहे भीषण गुटबाजी एवं बाबूलाल मरांडी को किनारे करने की नाकाम कोशिश भर है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सीएम दास के नेतृत्व में ही हाथी उड़ाकर झारखण्डी समाज के खुन पसीना की कमाई को उड़ा कर आदिवासी मूलवासी समाज को बेवकूफ बनाने का काम किया। राज्य कोष से पैसा निकालकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया।
वे झारखंड मे भाजपा के मुख्यमंत्री के रुप मे अंतिम बादशाह साबित हुए और उनका राज्यपाल का कार्यकाल भी विवादग्रस्त रहा हैं। उन्होंने कहा कि रघुवर दास की पार्टी में वापसी होने से न तो झारखंडी समाज का भला होने वाला है और ना ही भाजपा को भविष्य मे कोई फायदा होगा, बल्कि भाजपा को और घाटा होगा।
नायक ने साफ शब्दो मे कहा कि रघुवर दास सौ प्रतिशत आदिवासी मूलवासी विरोधी नेता है। आदिवासी मूलवासी समाज भी इन्हे एक पैसा पंसद नही करते है। जिस कारण ही इनको सत्ता से हटाया गया। इनके परम्परागत विधान सभा से भी बुरी तरह हराकर इनकी झारखंड में राजनिति खत्म कर दिया था। फिर पांच वर्ष के बाद झारखंड की राजनिति मे आये है जो सफल नही होने वाला है।
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