सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में मेघाहातुबुरु स्कूल भवन में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के तत्वावधान में 8 जनवरी को विदाई समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मेघाहातुबुरु खदान के सेवानिवृत्त सेलकर्मी बामिया सिंकु को सम्मानपूर्वक विदाई दी गयी।
विदाई समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय ने की। इस दौरान पांडेय ने कहा कि झामसं मजदूरों और समाज के सभी वर्गो का परिवार है। उन्होंने कहा कि सेल जैसी बड़ी संस्था से मजदूरों के अधिकारों के लिए लड़ना आसान नहीं है, लेकिन झामसं लगातार मजदूरों को उनके अधिकार दिलाने में सफल रही है।
उन्होंने कहा कि सेलकर्मी बामिया सिंकु ने अपने पूरे कार्यकाल में मजदूर हित में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कामना की कि सेवानिवृत्ति के बाद भी सिंकु स्वस्थ और सुखमय जीवन व्यतीत करें। सिंकु ने संघ के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि झामसं ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। यह संगठन उनकी ताकत रहा है। उन्होंने एकता को ही सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए भरोसा दिलाया कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वे यूनियन के साथ जुड़े रहेंगे।
झामसं महासचिव अफताब आलम ने कहा कि बामिया सिंकु भले ही सेवानिवृत्त हो गए हों, लेकिन वे संघ के सदस्यों के दिलों में हमेशा रहेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि संघ हर परिस्थिति में मजदूरों के साथ खड़ा रहेगा।
किरीबुरु के महासचिव राजेंद्र सिंद्रिया ने झामसं के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संगठन मजदूर हित के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2025 में यह और मजबूत होगा। आलम अंसारी ने मेघाहातुबुरु इकाई की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि इसमें 85 सेलकर्मी और 30 ठेका श्रमिक सदस्य हैं, जो इसे क्षेत्र की सबसे बड़ी यूनियन बनाते हैं।
इस अवसर पर झामसं के अमरनाथ यादव, शिव शंकर प्रसाद, सुनील पासवान, जगजीत सिंह गिल, कामता प्रसाद, दयानंद कुमार, मुब्बसर, राजेश बनर्जी, राधाकृष्ण मीणा, शशि कांत नाग, के. के. पासवान, अजीत गोप, चंद्रकला पान, कुलदीप सिंह आदि उपस्थित थे। यूनियन के कई महिला सदस्य भी बड़ी संख्या में शामिल थी। कार्यक्रम का समापन उत्साह और एकता के संदेश के साथ किया गया, जहां मजदूरों ने संगठन की मजबूती और आपसी सहयोग को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
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