साभार/ नई दिल्ली। ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, शीला तेरा नाम रहेगा’ के नारों के बीच दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Delhi’s Former CM Sheila Dikshit) रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। दिल्ली में यमुना (Yamuna) किनारे स्थित निगम बोध घाट पर (Nigam Bodh Ghat) राजकीय सम्मान के साथ कांग्रेस की दिग्गज नेता का अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी (UPA Chairperson Sonia Gandhi) और कांग्रेस महासचिव प्रियका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) भी शामिल थीं। गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) भी शीला दीक्षित के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। ‘नई’ दिल्ली की शिल्पकार कही जाने वालीं शीला दीक्षित को अंतिम विदाई देने के लिए दिल्ली के तमाम नेताओं का जमावड़ा रहा।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) और डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे। इससे पहले रविवार को कांग्रेस मुख्यालय पर शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह मेरे लिए बड़ी बहन सरीखी थीं। सोनिया ने शीला के साथ राजनीतिक संबंधों से अलग अपने आत्मीय रिश्तों का जिक्र किया। सोनिया ने कहा कि शीला दीक्षित उनके लिए सिर्फ कांग्रेस नेता भर नहीं बल्कि दोस्त और बहन जैसी थीं।
इससे पहले शनिवार को शीला दीक्षित के निधन की खबर के बाद निजामुद्दीन स्थित उनके आवास पर पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी थी। रविवार सुबह शीला दीक्षित के अंतिम दर्शन करने के लिए उनके आवास पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज पहुंचे। दोनों ही नेताओं ने फूल चढ़ाकर दिल्ली की पूर्व सीएम को श्रद्धांजलि दी। स्वराज ने शीला को याद करते हुए कहा था कि हम अलग दल में थे, इसके बावजूद शीला जी मेरी अच्छी मित्र थीं।
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