निकोटीन की लत से नींद न आना, चिड़चिड़ापन व् अवसाद जैसी समस्या-जिला परामर्शी
मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पूरी नींद लेना-डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बिरसा नर्सिंग कॉलेज चास में 3 जनवरी को तम्बाकू के दुष्परिणाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के निदेशक शैलेश कुमार द्वारा किया गया।
सेमिनार में जिला परामर्शी मो. असलम द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व के बारे में बताया गया। उन्होंने बच्चों को अपने चर्चा के दौरान बताया कि तम्बाकू में पाया जाने वाला नशीला पदार्थ निकोटीन से बच्चों में चिन्ता, नींद न आना, चिड़चिड़ापन एवं अवसाद जैसे गंभीर समस्यायें हो सकती है।
जिला परामर्शी ने बच्चों को बताया कि यदि आप तम्बाकू का सेवन करते है या आपके आसपास कोई सेवन करता है। वह तम्बाकू के लत को छोड़ना चाहता है। कई बार प्रयास करने पर भी नही छोड़ पाता है, तो उसे तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र सदर अस्पताल के 13 नंबर ओपीडी में भेजें, ताकि उन्हें तम्बाकू छुड़ाने में मदद की जा सके।
स्कूल के प्राचार्य डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा ने स्कूली बच्चों को बताया कि तम्बाकू को एक लाईन में परिभाषित करें तो इसका मतलब बीमारियों का भण्डार, चाहे आप इसे धुएं के शक्ल में लें या चबाकर खाये। यह मानव शरीर में जाकर विभिन्न प्रकार के बीमारियों को उत्पन्न करता है। फिर उस बीमारी से मौत हो जाती है। इसलिये तम्बाकू मानव शरीर को धीरे धीरे खोखला करता है। वे सभी से अनुरोध करना चाहते है कि इस लत से बचें और एक जिम्मेदार नागरिक के नाते अपने आसपास के रहिवासियों को भी इसके दुष्प्रभाव से अवगत कराये।
कार्यक्रम में स्कूल के निदेशक शैलेश कुमार, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जिला परामर्शी मो. असलम, जिला कार्यक्रम सहायक आरती कुमारी मिश्रा, सोशल वर्कर छोटेलाल दास, विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।
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