एस. पी. सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। प्रोफेसर देवव्रत अकेला द्वारा लिखित उपन्यास ग्लिंम्पसेस ऑफ लाईफ एट द प्लेटफॉर्म एंड लिरिक ब्लूम का विमोचन 22 दिसंबर को बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति द्वारा मुजफ्फरपुर के होटल एंबेसी ग्रैंड सभागार में किया गया।
प्रस्तुत पुस्तक लोकार्पण समारोह में आगत अतिथियों का अंग वस्त्र एवं मोमेंट से पुस्तक का प्रतीक चिन्ह द्वारा स्वागत किया गया। उक्त पुस्तक के लोकार्पण में डॉ राधा मोहन सिंह, डॉ ममता रानी, डॉ एसके पॉल, डॉ एसके मुकुल, डॉ अरुण साह, डॉ रत्नेश मिश्रा ने उनके द्वारा लिखित पुस्तकों के ऊपर प्रकाश डाला। मनुष्य हारता नहीं है, वह जीवन भर संघर्ष करता है। ऐसा संदेश उक्त पुस्तक के द्वारा संप्रेषित होता है।
उक्त जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर के युवा कवियित्री सविता राज ने बताया कि पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर वक्ताओं ने उक्त पुस्तक को उनकी करुण कहानी, उनके जीवन का सचरित्र चित्र बताया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरुण बंकुल ने किया। मंच का संचालन प्रथम सत्र में डॉ संजय पंकज एवं द्वितीय सत्र में कवियित्री सविता राज ने किया। वहीं द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। काव्य गोष्ठी की शुरुआत डॉ सोनी की सरस्वती वंदना से की गयी। अध्यक्षता मंजू देवी ने किया।
काव्य पाठ करने वालों में कवि देवव्रत अकेला, संजय पंकज, सविता राज, डॉ सोनी, पंखुड़ी सिन्हा, व्यास नंदन शास्त्री, अरुण कुमार तुलसी, सत्येंद्र कुमार सत्येन्, माला सिंह, प्रमोद नारायण मिश्र, हेमा सिंह, डॉ जगदीश शर्मा, सज्जन कुमार, दीनबंधु आजाद, मुन्नी चौधरी आदि शामिल थे। आभार ज्ञापन डॉ अनिल कुमार ने किया।
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