प्लांट के कुछ अधिकारी ठेका मजदूरों के हकमारी को कर्तव्य समझते हैं-राजेंद्र सिंह

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। स्टील ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के बोकारो इस्पात संयंत्र कोक-ओवन एवं कोक केमिकल्स विभाग के सुदर्शन कैंटीन में संयंत्र के ठेका मजदूरों की ज्वलंत समस्याओ पर आर-पार की आक्रामक रणनीति पर विचार हेतु 21 दिसंबर को एचएमएस से संबद्ध क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ द्वारा ठेका मजदूरों की बैठक की गयी।

इस अवसर पर बैठक को सम्बोधित करते हुए संघ के महामन्त्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्लांट के कुछ अधिकारी ठेका मजदूरो के हकमारी को हीं अपना एकमात्र कर्तव्य समझते हैं। उन्होंने कहा कि बीते 15 अक्टूबर के हड़ताल नोटिस के आलोक में वार्ता के दौरान प्रबंधन ने हड़ताल वापस लेने का अनुरोध करते हुए मजदूरों से वादा किया था कि हम जल्द हीं अपने नियम मे सुधार कर यह सुनिश्चित करेंगे कि एक भी मजदूर मेडिकल चेकअप के वजह से बाहर नहीं हों। मगर इनका कानून है कि सुधरने का नाम ही नही ले रहा है। सिंह ने कहा कि आज ठेका मजदूर सीधे-सीधे उत्पादन का काम कर रहें है, मगर बदले मे मिलता है तो सिर्फ झारखंड सरकार का भवन निर्माण का मिनिमम वेजेज। कहा कि झारखंड सरकार के नियमावली में कारखाना का मिनिमम वेज है ही नही। फिर भी हमे मिनिमम वेज के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों को ना नाइट शिफ्ट एलाउंस, ना ग्रुच्युटी, ना अन्य किसी प्रकार का भत्ता हीं दिया जा रहा है।

यूनियन महामंत्री सिंह ने तल्ख़ लहजे में कहा कि हम साफ-साफ बीएसएल प्रबंधन को बता देना चाहते है कि हमे मिनिमम नहीं मैक्सिमम वेज चाहिए। एडब्ल्यूए का रकम जो हमें दिया जा रहा है उसका ईएसआईसी तो काटा जाता है, मगर मजदूरों को आर्थिक लाभ से वंचित रखने के लिए इस एडब्ल्यूए की राशि को मिनिमम वेज से नहीं जोड़ा जा रहा है।

कहा कि जहाँ तक बायोमेट्रिक एटेन्डेन्स का सवाल है हमारा कहना साफ है कि जो सुविधा और नियम अधिकारियो के साथ लागू है, वही सुविधाएँ ठेका मजदूरो को भी मिलना चाहिए। तभी हमे बायोमेट्रिक एटेन्डेन्स मंजूर होगा।

महामंत्री ने कहा कि जो कुशल कामगार साथी ईएसआईसी की सीमा से बाहर हो चुके हैं, उनके और उनके आश्रितो के ईलाज के लिए कम से कम पाँच लाख रूपये का हेल्थ इंश्योरेंस करो या ईलाज का उत्तम व्यवस्था करो। अन्त में उन्होंने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगो पर गंभीरता से विचार करते हुए निराकरण के लिए सकारात्मक और ठोस पहल करें, नहीं तो मजदूर आन्दोलन से हक लेना बखूबी जानते हैं। बैठक को महामंत्री सिंह के अलावे शशिभूषण सिंह, चन्द्र प्रकाश, जुम्मन खान, अभय शर्मा, अमित यादव, आनंद कुमार, हरेराम सिंह, टुनटुन सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

 

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