डीएवी ढोरी में रीड की हड्डी एकांकी का मंचन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में फुसरो-डुमरी मुख्य पथ पर मकोली मोड़ के समीप स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में 21 दिसंबर को स्कूली बच्चों द्वारा रीड की हड्डी एकांकी का मंचन किया गया।

जानकारी के अनुसार डीएवी ढोरी के दयानंद सभागार में क्रियाकलाप आधारित शिक्षण विधि के तहत कक्षा 9वीं के छात्रो द्वारा रीड की हड्डी नामक एकांकी का मंचन किया गया। जिसके रचयिता प्रख्यात शिक्षाविद जगदीश चंद्र माथुर हैं।

इस नाटक के माध्यम से सामाजिक समस्या यथा लड़की के विवाह में होने वाले परेशानियों को उजागर किया गया। लड़की का पिता अपने लड़की के विवाह को लेकर किस हद तक चिंतित रहता है, प्रस्तुत नाटक में इसको दिखाने का प्रयास किया गया है। दकियानूसी ख्याल रखने वाले किस तरह विवाह जैसे पवित्र बंधन को भी बिजनेस समझते हैं। उनके लड़के का चरित्र चाहे जैसा भी हो उन्हें लड़की सिर्फ सुंदर चाहिए। लड़की के गुण से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है। उनका मानना है कि शिक्षा पर सिर्फ पुरुषों का अधिकार है, महिलाओं का नहीं।

उक्त नाटक के पात्र के रूप में विद्यालय की छात्रा नंदिनी आर्या, प्रार्थना कुमारी, छात्र चिरंजीवी झा, अनिक कुमार गुप्ता, मोहन साव, समृद्धि केसरी, अनूकल्प कुमार थे, जबकि आरती कुमारी ने उद्घोषिका का कार्य संभाला। उक्त नाटक में मार्गदर्शक के रूप में डीएवी ढोरी के हिंदी विभाग के वरीय शिक्षक सत्येंद्र कुमार शर्मा का सराहनीय योगदान रहा। वहीं गोपाल शुक्ला संयोजक के रूप में अपनी महती भूमिका का निर्वाह किया। न्याय मंडली के रूप में पंकज सिंह यादव, साधु चरण शुक्ला एवं अरुण कुमार गुप्ता रहे।

उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार ने अपने उद्बोधन में बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि बच्चे इस तरह की एकांकी से शिक्षा प्राप्त कर देश के विकास एवं समाज की उन्नति में अपना योगदान दे सकते हैं। एकांकी के सफल होने पर उन्होंने उपस्थित समस्त छात्रा-छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं को साधुवाद दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुनील कुमार, ललित कुमार पॉल, शिवेंद्र कुमार, राकेश कुमार, बबलू कुमार, सतीश कुमार, लक्ष्मी कुमारी, दीपक प्रमाणिक, टुंपा दास आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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