सहयोगिनी द्वारा बाल हितैषी पंचायत बनाने के लिए सघन जागरूकता कार्यक्रम

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। ग्राम पंचायत विकास योजना और उसमें बाल देखरेख विषयक मुद्दों के लेकर सहयोगिनी द्वारा बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड में जागरूकता का कार्य किया जा रहा है।

इस संबंध में सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने 19 दिसंबर को बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर बनने वाले योजना में जीपीडीपी के तहत बाल हितैषी योजनाओं को शामिल किया जाना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर किशोरी तथा महिला समूह के बीच बैठक कर इससे संबंधित जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भी संपर्क पर योजना में बाल हितैषी शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

सहयोगिनी निदेशक ने बताया कि जीपीडीपी अर्थात ग्राम पंचायत विकास योजना ग्राम स्तर पर आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए तैयार की जाने वाली योजना है। जिसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का बेहतर एवं कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना, समग्र एवं समेकित विकास, जिसमें न केवल अधोसंरचनात्मक विकास बल्कि सामाजिक, आर्थिक एवं वैयक्तिक विकास शामिल हो, समुदाय को निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाना तथा आवश्यकताओं का चिन्हीकरण एवं प्राथमिकीकरण, सहयोगी नियोजन एवं संसाधनों का अभिसरण सुनिश्चित करना, निर्धनों की आजीविका, निर्धनता एवं सामाजिक सुरक्षा प्रमुखता से सम्मिलित करते हुए अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के कल्याण को प्राथमिकता देना, सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करना है।

इस संबंध में सहयोगिनी की समन्वयक कुमारी किरण ने कहा कि पंचायत दर पर जागरूकता आयोजित कर बताया जा रहा है कि लिंग के आधार पर गर्भपात न हो, बाल विवाह न हो, कोई घरेलू हिंसा नहीं हो, नियमित वीएचएनडी का आयोजन और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिले। स्कूलों में पौष्टिक मिड डे मील, आपातकालीन तैयारी, स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल और अपशिष्ट प्रबंधन, संचारी रोगों की रोकथाम हेतु उपाय, पीएचसी/सीएचसी/ स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों में टेलीमेडिसिन सुविधा, जानवरों के काटने और अन्य दुर्घटनाओं के मामले में आपातकालीन सेवाएं, विकलांगता की प्रारंभिक पाहचान और प्रबंधन होना जरूरी है।

सहयोगिनी की एनिमेटर प्रतिमा सिंह ने बताया कि पंचायत को बाल हितैषी बनाने के लिए स्कूली बच्चों के लिए साइबर अपराध और मादक द्रव्यों के दुष्प्रभाव पर कार्यक्रम करना, स्कूल/कॉलेज जाने वाली बच्चियों के लिए सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था, जीपीडीपी में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में एसएचजी की सहायता को सम्मिलित करना, मानव तस्करी और बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से 18 साल से कम उम्र की सभी लड़कियों का पंजीकरण, महिलाओं की भागीदारी में सुधार के लिए संस्थानों में क्रेच (शिशु देखभाल) और यौन उत्पीड़न रोकथाम समिति, पंचायत के सभी 6 वैधानिक समितियों और महिला सभा मे नियमित आधार पर महिलाओं की भागीदारी करना जरूरी है।

कसमार प्रखंड के हद में गर्री, दुर्गापुर, खैराचातर, बागदा, टांगटोना, सोनपुरा तथा पोंडा पंचायत में इससे संबंधित कार्यक्रम में सूर्यमणि देवी, रेखा देवी, विनीता देवी, संगीता देवी आदि शामिल थे।

 38 total views,  3 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *