एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में फुसरो नगर परिषद के शारदा कॉलोनी स्थित मंदिर प्रांगण में 18 दिसंबर को गुरु घासीदास बाबा की जयंती धूमधाम से विधिवत पूजा अर्चना के साथ मनाया गया।
जानकारी के अनुसार गुरु घासीदास जयंती पूजा में जजमान के रूप में पुजारी भोला भारती, इंदर बाबा, नीलू राम, रोहित जोहले शामिल थे। आयोजक भोला भारती और चांद शरद लाल ने बताया कि बाबा गुरु घासीदास का जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर जिला के हद में गिरौद नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम मंहगू दास तथा माता का नाम अमरौतिन था। उनकी धर्मपत्नी का नाम सफुरा था।
इस अवसर पर भाजपा नेता प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ था, जब समाज में छुआ-छूत, ऊंच-नीच, झूठ-कपट का बोलबाला था। बाबा ने ऐसे समय में समाज में एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका छतीसगढ़ी समाज पर काफी प्रभाव पड़ा।
गुरु घासीदास ने समाज को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा कार्य में किया। इसी प्रभाव के चलते लाखों श्रद्धालू बाबा के अनुयायी हो गए। इसी तरह छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथ की स्थापना की गयी। बताया गया कि इस संप्रदाय के रहिवासी उन्हें अवतारी पुरुष के रूप में मानते हैं।
भाजपा नेता ने बताया कि गुरु घासीदास के मुख्य रचनाओं में उनके सात वचन सतनाम पंथ के सप्त सिद्धांत के रूप में प्रतिष्ठित है। इसलिए सतनाम पंथ का संस्थापक भी गुरु घासीदास को ही माना जाता है। कहा गया कि बेरमो में लगातार 44 वर्षों से घासी दास बाबा की जयंती मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत बोकारो जिला के बेरमो चार नंबर रहिवासी दिवंगत गुलाब सिंह सरदार ने किया था।
मौके पर प्रहलाद राम, निखिल, पीतांबर, फूल कुमार फुटे, जागेश्वर चौहान, महेश राम, योगेश प्रसाद रात्रे, मोहन बीपी, केशव साहू, मोहनलाल रात्रे, भूमि भारती, प्रेम भारती, कमला देवी, खुशी भारती, नंदनी कुमारी, निलू भारती, कुमेंदर कुमार, सानू रात्रे सहित सैकड़ो महिला-पुरुष श्रद्धालू उपस्थित थे।
35 total views, 35 views today