फेस टू में बरवाबेड़ा को पुनर्वासित करने आए अधिकारियों का विस्थापितों द्वारा विरोध

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के एकेकेओसीपी खासमहल परियोजना फेस टू पहुंचे सीसीएल एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों का गोविंदपुर के रैयत विस्थापितों द्वारा जमकर विरोध किया गया।

जानकारी के अनुसार सीसीएल अधिकारी बरवाबेड़ा गांव के ग्रामीणों को फेस टू कॉलोनी में पुनर्वासित करवाना चाह रहे है, जिसके जमीन मापी के लिए सीसीएल के सभी अधिकारी, प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ 17 दिसंबर को पहुंचे थे। परन्तु विस्थापित संघर्ष समिति द्वारा विरोध के बाद सभी अधिकारी वापस लौट गए। जबकि आगामी 4 जनवरी को समस्या का समाधान करने को लेकर अनुमंडल कार्यालय में वार्ता की तिथि निर्धारित किया गया।

यहां विस्थापित संघर्ष समिति गोविंदपुर के सचिव डॉ दशरथ महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन ने वर्ष 1978 में लगभग 168 एकड़ जमीन गोविंदपुर के रैयतों का अधिग्रहण किया था। जमीन के बदले 84 रहिवासियों को नौकरी देने पर सहमति बनी थी, परंतु सिर्फ 63 रहिवासियों को ही नौकरी दिया गया है। शेष 21 रहिवासी अभी भी नौकरी मिलने का आस लगाए है। जिसे सीसीएल प्रबंधन टाल मटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि बाकी 21 को जबतक सीसीएल प्रबंधन नौकरी नहीं देगी, तबतक अपनी जमीन फेस टू में दूसरे गांव के रहिवासिओं को पुनर्वासित करने नहीं दिया जाएगा।

वही बेरमो के अंचलाधिकारी संजीत कुमार सिंह ने कहा कि गोविंदपुर के विस्थापितों की नौकरी से संबंधित अगर कोई मामला लम्बित है तो 4 जनवरी को सभी विस्थापित को अंतिम अवसर अपने अपने कागजात प्रस्तुत करने के लिए दिया जा रहा है। आगामी 4 जनवरी को अनुमंडल कार्यालय तेनुघाट में त्रिपक्षीय बैठक रखे जाने की बात सीओ ने कही।

यहां सीसीएल बीएंडके क्षेत्र में महाप्रबंधक खनन सह एकेकेओएसपी परियोजना पदाधिकारी के. एस. गैवाल, विस्थापित नेता जानकी महतो, बीएन महतो, नरेश महतो, डॉ दशरथ महतो सहित बोकारो थर्मल थाना की पुलिस, सीसीएल सुरक्षा गार्ड भी भारी संख्या में उपस्थित थे।

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