एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची में आंदोलन कर रहे छात्र नेता देवेन्द्र महतो को पुलिस द्वारा पिटाई एवं घसीट कर ले जाना साथ हीं विरोध कर रहे छात्रों पर अनावश्यक लाठीचार्ज करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है।
उपरोक्त बाते आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने 16 दिसंबर को जेएससीए-सीजीएल परीक्षा में पास छात्रों के डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन नहीं होने देने का विरोध करने जेएससीए कार्यालय पर विरोध करने पहुँचे छात्रो पर लाठीचार्ज एवं छात्र नेता देवेन्द्र महतो को पुलीस द्वारा अमानवीय तरीके से घसीट कर गिरफ्तारी करने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा की सरकार हो या जेएमएम की सरकार, लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण विरोध करने पर लाठीचार्ज करना अनिवार्य हो गया है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है।
नायक ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि को अथवा आन्दोलनरत छात्रो को बर्बर तरिके से पुलिसीया कारवाई करना पुलिस को शोभा नहीं देता है, जिसका मंच कड़े शब्दो में निन्दा करता है। मंच राज्य की हेमंत सरकार से मांग करता है कि बदमिजाज पुलिस पदाधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करे।
नायक ने यह भी कहा कि पेपर लीक होने एवं परीक्षा में धांधली, गड़बड़ी की शुरुआत भाजपा के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल मे ही श्रीगणेश किया गया था। उन्होंने कहा कि घोटाला की बात की जाय तो जेपीएससी घोटाले के दौरान पूर्व सीएम मरांडी की ही सरकार थी और मरांडी द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार रुपी बीज आज विशालकाय पेड़ बन चुका है। इसलिए बाबूलाल मरांडी को जेएसएससी-सीजीएल या जेपीएससी पर बोलने का नैतिक अधिकार नही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल मे सबसे ज्यादा मेघा घोटाले हुए। अब उस पारीपाटी को हेमंत सरकार आगे बढ़ा रही है। कहा कि 24 वर्ष के झारखंड में राज्य के युवाओ को सभी पार्टियों की सरकारो ने धोखा देने का कार्य किया है। किसी भी सरकारो ने राज्य के युवाओ के भावनाओ का सम्मान नही किया है, जो राज्य निर्माण के समय देखे गये सपनो को तोड़ता है।
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