एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के वीर स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रपौत्र (परपोता) मंगल मुंडा को रिम्स अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा 10 घंटा तक इलाज नहीं करने एवं समय पर भर्ती नहीं करने के कारण उनके देहांत के दोषी चिकित्सकों एवं रिम्स अस्पताल प्रबंधन पर राज्य की हेमंत सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने की है।
आदिवासी, मूलवासी, जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष नायक ने 29 नवंबर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोता मंगल मुंडा की असमय हुई मौत पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि धरती आबा के परपोता मंगल मुंडा बीते 25 नवंबर की रात 10 बजे से 26 नवंबर की सुबह 8 बजे तक रिम्स के बाहर एम्बुलेंस पर ही तड़पते रहे, लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया जाना जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि किस परस्थितियों में समुचित इलाज के अभाव में एम्बुलेंस में ही मरीज तड़पता और कराहता रहा, जबकि उन्हें भर्ती कराने हेतु उनके भाई जंगल सिंह मुंडा ने पर्ची भी कटाया। बावजूद इसके बेड नहीं खाली होने का बहाना बना कर उन्हे जबरदस्ती एम्बुलेंस के पार्किंग पार्क में रात भर रहने को विवश किया जाना झारखंडी एवं बिरसा मुण्डा समर्थको को झकझोड़ने का कार्य किया है। यह बर्दाश्त करने लायक नही है। जिसकी कड़े शब्दो में मंच निन्दा करता है।
नायक ने कहा कि इस घटना की जांच अविलंब झारखंड के मुख्य सचिव, स्वास्थ सचिव, रांची जिला उपायुक्त के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमिटि का गठन कर दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई किया जाय और उनके लाइसेंस को रद्द किया जाय। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्म का विषय है कि राज्य के अबुवा सरकार में अबुवा दिशुम अबुआ राज के नारा को बुलन्द करने वाले महान स्वतंत्रता अमर सेनानी बिरसा मुण्डा के प्रपौत्र की इलाज मे कोताही बरतने से असमय मृत होना राज्य वासीयों के लिए आक्रोश का विषय है।
जिसकी जांच होनी ही चाहिए और दोषी डाक्टरों को सजा मिलनी ही चाहिए। नही तो उनकी आत्मा एवं बिरसा भगवान की आत्मा को शांति नही मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर सच्ची श्रदांजलि देनी है, तो दोषी डाक्टरो को बर्खास्त कर उनके लाइसेंस रद्द करना होगा।
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