रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। कसमार प्रखंड के हद में सिंहपुर के पंचायत समिति सदस्य व लोकनृत्य कलाकार विनोद कुमार महतो (विनोद रसलिन) ने दहेज मुक्त विवाह सामाजिक रिति रिवाज से कर समाज को एक संदेश दिया।
ग्रामीण परिवेश के किसान परिवार में नेपाल महतो के पुत्र विनोद रशलीन ने रामगढ़ ज़िला के हद में चिनियागढ़ा रहिवासी चंद्रदीप महतो की पुत्री डिंपल कुमारी से दहेज मुक्त शादी करने का फैसला कर समाज को एक नया संदेश दिया है।
ज्ञात हो कि, वर्तमान समय में ज़्यादा दहेज लेने की समाज में होड़ मची हुई है। इस होड़ में यदि लड़की का पिता गरीब है तो उसको कर्ज लेकर दहेज देना पड़ता है। उस कर्ज के बोझ से जिंदगी भर मुक्त नहीं हो पाता है। दहेज के कारण लड़कियों की अच्छी शिक्षा भी माता पिता नहीं करवा पाते हैं। इसलिए समाज में दहेज रूपी कुरीति को खत्म करने का संदेश देते हुए रशलीन ने शादी में दहेज नहीं लेकर समाज को एक नया संदेश देने का प्रयास किया है।
पंसस विनोद कुमार महतो ने कहा कि लड़की का जन्म प्रत्येक परिवार में उसकी परवरिश, शिक्षा और ब्याह के लिए अलग-अलग मापदंड तय करता है। दहेज ने समाज में गहरी खाई बना दी है, जिसका जुर्माना हर लड़की और उसके माता-पिता वर्षों से ढोते आ रहे हैं। रोज़ समाचार पत्रों में खबरें छपती हैं कि दहेज के लिए लड़की को जला दिया गया। कहीं उसे छत से धक्का देकर मार दिया जाता है, तो कहीं पैदा हुई लड़की को कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया। इसका कारण दहेज है। दहेज के कारण लाखों परिवार उजड़ गया। धन ने दहेज लोभियों की आत्मा को मार डाला है।
इधर दहेज मुक्त विवाह को लेकर कार्य कर रही संस्था ने बिनोद एवं डिंपल को बधाई देते हुए एक अनोखा कविता के रूप में विनोद एवं डिंपल के नाम पर वरिष्ठ साहित्यकार श्याम सुंदर महतो ने उपहार स्वरूप भेंट दिया। साथ हीं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
मौके पर संतोष महतो, सुरेश कुमार महतो, बिंदेश्वर महतो, श्याम सुंदर महतो, सुकुमार, साहित्यकार व् कवि बासु बिहारी, तुलसी महतो, प्रदीप कुमार दीपक, आकाश खुंटी, संदीप कुमार महतो, मुरली पुनरियार, मानु गुलियार, अशोक पाहन, अशोक केसरियार, मुरली पुनरियार, शेखर शरदेंदु, हेमंत हिंदीयार आदि गणमान्य उपस्थित थे।
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