एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) एवं कला, संस्कृति व् युवा विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में बीते 25 एवं 26 नवम्बर को सायं 6 बजे से प्रेमचंद रंगशाला पटना में दो दिवसीय शास्त्रीय नृत्य कार्यक्रम रंगायन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को बिहार संगीत नाटक अकादमी का सहयोग प्राप्त था।
इस क्रम में 26 नवम्बर को प्रारंभ में असम की जयश्री दास एवं दल द्वारा सत्रिया नृत्य की प्रस्तुति की गयी, जिसमे गौरव दास, अभिजीत बोडो, तब्बू कश्यप तथा जॉय डेका शामिल थे। उपरोक्त कलाकारों ने सत्रिया ओजा शैली में नांदी श्लोक तथा कालिया दमन की प्रस्तुति की। जिसमे श्रीकृष्ण के बाल काण्ड को दिखाया गया है, जब उन्होंने वृन्दावन में कालिया नाग का वध किया था।
इसके बाद लखनऊ की आकांक्षा श्रीवास्तव एवं दल द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति की गयी। इसमें डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव के अलावा विकास अवस्थी, प्रखर मिश्रा, श्रेया सिंह, आदित्य गुप्ता ने भाग लिया। उनके द्वारा पेश किये गए नृत्य कार्यक्रम में शिव वंदना जिसके बोल हैं करपुर गौरम करुणावतारम संसार सारम भुजगेंद्र हारम।
शिव वंदना के अंतर्गत भगवान शिव के विभिन्न रूपों को नृत्य के माध्यम से दर्शाया गया है। कथक के पारंपरिक रूप के अंतर्गत तीन ताल विलंबित ले में उपज ठाठ, आमद एवं परण जुड़ी आमद तथा इसके उपरांत मध्य लय के अंतर्गत टुकड़े परण, फरमाइशी टुकड़ा एवं तिहाईयों का प्रदर्शन किया गया। ठुमरी जिसके बोल है नीर भरन कैसे जाऊं सखी री अब। इस प्रस्तुति के अंतर्गत राधा कृष्ण के सुंदर भावों को नृत्य संरचना के माध्यम से दिखाया गया। वहीं अंतिम प्रस्तुति सरगम के माध्यम से कथक नृत्य की सफलता पद संचालन चक्कर के प्रकार एवं शुद्ध पक्ष को किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उप महापौर, पटना नगर निगम रेशमी चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद वार्ड क्रमांक 48 डॉ इन्द्रदीप चंद्रवंशी, सहायक सचिव बिहार संगीत नाटक अकादमी फहद सिद्दीकी, जिला कला संस्कृति पदाधिकारी पटना कृति आलोक उपस्थित थे। उद्घोषक के रूप में प्रिया चटर्जी ने योगदान दिया।
कार्यक्रम रंगायन के मीडिया कोऑर्डिनेटर मनीष महिवाल ने मीडिया के साथियों का आभार व्यक्त किया। अंत में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के कार्यक्रम समन्वयक मनोज कुमार ने आमंत्रित कलाकारों, अतिथियों एवं दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापन कर महोत्सव का समापन किया।
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