अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के पर्यटन विभाग मुख्य पंडाल के सांस्कृतिक मंच पर 20 नवंबर को दिवाकालीन बेला में सुरभि कला मंच सोनपुर एवं कला कुंज बिहार के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से उपस्थित दर्शक – श्रोताओं का मन मोह लिया।
कला कुंज के गायक कलाकार लाल मोहन चौहान एवं किशन चंचल की जोड़ी ने देवी गीत दशरथ के ललनवा रऊआ धन बानी से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सासु हो ननदिया मोर कईले जब झगड़वा लोक गीत से दर्शकों का मनोरंजन किया। वहीं शिल्पा और विवेक ने पिया हमरा के अबकी झुलनिया गढाय दिह पर भाव नृत्य की प्रस्तुति की।
मंटू बाबू ने बलम जी दिलवा रोये, चल बॉर्डर मंटू बाबू, हमरे देशवा महान संजय राय, विवेक कुमार तथा संजय-रिया ने पल्लू लटके जी मारो पल्लो लटके एवं सेजरिया केहू के तल्ला दो तल्ला, सखी हमके कुश के पलनिया निक बाटे गीत नेहा बंसल, भ्रूण हत्या पर आधारित जन्मे से काहे बेटी मारा जाता, भजन तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का प्रस्तुत किया।
मेला में उत्सव झा समस्तीपुर के पश्चात जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तत्वधान में सुरभि कला मंच सोनपुर सारण के कलाकारों द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई, जिसमें लोक गायक गणेश लाल यादव द्वारा गौरी के ललनवा पड़ी पईयां न हो गणेश वंदना से शुरुआत हुई।
जेकर बलमा बसे परदेश ऐ सखी अरविंद कुमार एवं पूजा कुमारी का भाव नृत्य मन भावे मैया के चुनरिया केसरिया गोटेदार एवं कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया अरविंद, पूजा एवं अन्य कलाकारों ने अपने नृत्य – गीत से समा बांधा। वहीं हारमोनियम पर मित्र जी, नाल पर दिनेश कुमार, चंग पर आलोक कुमार आदि कलाकारों का सराहनीय योगदान रहा। मंच संचालन उद्घोषक और रंग कर्मी विट्ठलनाथ सूर्य ने किया।
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