एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना की सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा 19 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में नुक्कड़ नाटक मैं मूर्ख नहीं हूँ का मंचन किया गया।
प्रसिद्ध रंगकर्मी व् टीवी कलाकार मनीष महीवाल द्वारा लिखित व् निर्देशित नाटक मैं मूर्ख नहीं हूँ डिजिटल पेमेंट एवं साइबर क्राइम पर आधारित है।
नाटक का कथासार के अनुसार एक ऑटो रिक्शा चालक सोनपुर मेले में जाने वाली सवारियों को पुकारता है। इस बीच एक लड़की आती है और उसके ऑटो पर इसलिए नहीं बैठती, क्योंकि ऑटो चालक के पास ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं थी। यही लड़की सब्जी की एक दुकान पर जाती है और मोल भाव के बाद भी उससे सब्जी नहीं लेती, क्योंकि सब्जीवाले के पास ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं थी।
दूसरी दुकान से सब्जी लेकर जब लड़की जाने लगती है, तभी एक भिखारी उससे पैसे मांगने लगता है। जब लड़की कहती है कि छुट्टे नहीं है, तब भिखारी बोलता है दीदी ऑनलाइन कर दीजिए, यह रहा मेरा क्यूआर कोड।
नाटक के अगले दृश्य में एक पॉकेटमार को कुछ राहगीर बुरी तरह से पीट रहे हैं, जैसे तैसे अपनी जान बचाकर पॉकेटमार वहां से भागता है और अपने मित्र को बताता है कि लात जूता खाने के बाद भी अगर किसी का पर्स हाथ लगता है तो उसमें कागज के अलावा कुछ भी नहीं रहता है। इस ऑनलाइन पेमेंट ने हम पॉकेटमारो की तो रोजी-रोटी ही बंद कर दी है।
नाटक का अगला दृश्य पति-पत्नी की नोक- झोंक से शुरू होता है। इस दौरान एक फोन आता है और ओटीपी मांगा जाता है। पत्नी उसे ओटीपी देने लगती है तो पति मना करता है, पर पत्नी ओटीपी दे देती है। बाद में बताती है कि मुझे मालूम है कि वह मेरे साथ फ्रॉड कर रहा था, पर मैंने उसे गलत ओटीपी दे दिया। मुझे मालूम है ओटीपी शेयर करने से नुकसान होता है।
हम गांव से आए हैं इसका मतलब यह नहीं कि हम बेवकूफ है। अगले दृश्य में एक व्यक्ति अपने मित्र से बकाया पैसे मांगता है। इसी बातचीत के दौरान पता चलता है कि मित्र का फेसबुक अकाउंट किसी ने हैक कर रखा है और वह उसके मित्रों से पैसा मांग रहा है। फिर ऐसी फेक और फ्रॉड साइबर क्राइम करने वाले से सावधान रहने की बात बताई जाती है। नाटक के अगले दृश्य में अनजान और फ्रॉड लिंक पर क्लिक करने का क्या परिणाम होता है, यह दिखाया गया है।
उक्त नाटक में मनीष महिवाल, रजनीश पांडेय, अभिषेक राज, अरबिंद कुमार, दीपा दीक्षित, राम प्रवेश, सोनल कुमारी, रोहित कुमार, जेटली एवं अजीत कुमार ने बेहतरीन अभिनय किया है। जबकि मंच से परे नाल पर अयोध्या गोप, खंजरी पर अरविंद कुमार, प्रस्तुति नियंत्रक संजय कुमार सिन्हा, लेखक/निर्देशक मनीष महिवाल तथा प्रेरणा पंकज त्रिपाठी ने कार्य किया है।
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