ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट उपकारा (जेल) में 17 नवंबर को कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार शिविर में मुख्य अतिथि प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने बंदियों को कानूनी जानकारियां देते हुए मानवधिकार के बारे में बताया। कहा कि मानवाधिकारों का मुख्य उद्देश्य मौलिक, सार्वजनिक तथा नैतिक मानदंडों के आकार, सामग्री और दायरे को निर्धारित करने का आधार निर्धारित करना है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि जेम्स निकेल कहते हैं कि मानवाधिकारों का उद्देश्य व्यक्तियों के लिए न्यूनतम व् अच्छे जीवन जीने के लिए आवश्यक स्थिति सुरक्षित करना है। जुर्म अन्याय व भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए संघर्ष करना और शासन प्रशासन का सहयोग करना है। कन्या भ्रूण हत्या रोकना व समाज को जागरुक करना है। बाल विवाह व महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर अंकुश लगाना, महिलाओं को सशक्तीकरण करने के उद्देश्य से योजनाएं संचालित करना व महिलाओं को जागरुक करना है।
वहीं उन्होंने अपराध की प्रवृत्ति के बारे में बताया कि यह ऐसी क्रिया या क्रिया में त्रुटि है, जिसके लिए दोषी को कानून द्वारा निर्धारित दंड दिया जाता है। अर्थात अपराध कानूनी नियमों, कानून का उल्लंघन करने की नकारात्मक प्रक्रिया है, जिससे समाज के तत्वों का विनाश होता है। इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है। साथ ही उपस्थित सभी बंदियों की समस्याओं को सुना और उसके निराकरण का आश्वासन भी उन्हें दिया।
पैनल अधिवक्ता कल्याणी ने दहेज अधिनियम के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनो अपराध है। इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है। स्वागत भाषण जेलर नीरज कुमार ने करते हुए बताया कि जेल में बंदियों को जेल अधिनियम के तहत सारी अहर्ताएं पूरी की जाती है। मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने किया।
उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एव झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर तेनुघाट जेल में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। किसी भी बंदियों के द्वारा आवेदन नहीं दिया गया था इसलिए किसी भी बंदी की रिहाई नहीं हुई।
इस अवसर पर लिपिक इश्तियाक अंसारी, कंप्यूटर ऑपरेटर विजय कुमार, मदन प्रजापति, आकाश कुमार, सचिन कुमार सहित जेल के पुलिस अधिकारी आदि मौजूद थे।
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