एस. पी. सक्सेना/वैशाली (बिहार)। चार दिनों से चल रहे लोक आस्था का महान पर्व 8 नवंबर को उदियमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया।
इस अवसर पर वैशाली जिला के हद में विभिन्न नदियों, तालाबों, पोखरा, कुआं अथवा श्रद्धालुओं द्वारा गड्ढा खोदकर बनाये गये छठ घाटों पर 7 नवंबर की संध्या असताचलगामी तथा 8 नवंबर की उषा काल में छठ व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया गया। लगभग सभी छठ पूजा स्थलों के समीप श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी। वहीं युवा वर्ग एक से बढ़कर एक आतिशबाजी करने व् पटाखा फोड़ते देखे गये।
जानकारी के अनुसार छठ पर्व के अवसर पर वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के अलावा जढुआ, मीनापुर, चकौसन, बिदुपुर बाजार, रामदौली, महनार, अजमतपुर, अंधरबाड़ा, बंराटी, चंदपुरा, कुआरी, मदारपुर, चकियारी, विशुनपुर तितरा, पानापुर लंगा, जन्दाहा, महुआ, कन्हौली, बेलकुंडा, लोमा, सरसई, दामोदरपुर, सराय, सेंदुआरी, सुभई, जगदीशपुर, जमालपुर, पटेढ़ा, पटिल्ही, वैशाली गढ़, रोहणा, जारंग, लखनसैरा, कइलीटांड़, प्रतापटांड़, भकुरहर, अर्रा, धरहारा, लालगंज, पहेतिया, कुतुबपुर, घटारो, हरौली, पोंझीया सहित ग्रामीण हलको में श्रद्धालुओं द्वारा छठ घाट बनाकर विधिवत छठ व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया गया। इस अवसर पर एक से बढ़कर एक सजावटों से पूर्ण छठ घाट बनाया गया था। वहीं छठ घाटों पर युवाओं द्वारा आतिशबाजी की गयी तथा पटाखा जलाया गया।
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