युधिष्ठिर महतो/धनबाद (झारखंड) भोजपुरी फिल्म अभिनेता सूरज सम्राट अब तक एक दर्जन से भी अधिक फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं। जिनमें से कई सिनेमाघर, टीवी और ओटीटी पर प्रसारित की जा चुकी हैं। शेष अन्य फिल्मे रिलीज के कगार पर हैं।
अभिनेता सूरज विगत कई वर्षों से इंडस्ट्री में हैं और सुपरहिट फिल्म अर्धांगिनी से इन्होंने डेब्यू कर पावर ऑफ किन्नर में चैलेंजिंग किरदार कर अपने अभिनय का लोहा मनवाया।जिससे इंडस्ट्री में इनकी एक अलग पहचान बनी। सूरज अब तक दर्जनों फिल्में कर चुके हैं। जिनमें से कई फिल्में सिनेमाघर, टीवी और ओटीटी पर प्रसारित हो चुकी है।
बावजूद इसके इन्हें अभी तक किसी भी अवॉर्ड शो में न देखा गया हैं और न ही इनकी फिल्मों को कोई अवॉर्ड दिया जाता है। इस विषय पर उनसे पुछने पर उन्होने खुल कर बताया कि मुझे अवॉर्ड की कोई लालच नहीं है। हंसते हुए सुरज कहते हैं कि हम और हमारी सिनेमा ऐसे आपसी गिरोही वितरण समारोह अवार्ड के लिए नहीं बनी हैं।
हमारी फिल्में ऐसे अवॉर्ड से उपर की सोंच की होती है। इंडस्ट्री में अच्छी सिनेमा की सराहना नहीं की जाती हैं। बल्कि, उसकी अवहेलना की जाती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ गिरोह इसके लिए कार्य करते हैं।सूरज ने बताया कि उन्होंने बिना किसी के सहयोग के अपने दम पर अपनी पहचान बनाई और यहां तक पहुंचे हैं।
इनकी रिलीज फिल्मों में केहू दीवाना बा नईहर में, अर्धांगिनी, पावर ऑफ किन्नर, तेरी दुल्हन सजाऊंगी हैं जो सिनेमाघर, ओटीटी और टीवी पर प्रसारित हो चुकी है।
सूरज ने कहा कि उनकी फिल्में सिनेमाघर, टीवी और ओटीटी पर बेहतर प्रदर्शन करती है।
अगर किसी को सराहना न मिले और अपने परिवार में नज़रअंदाज़ किया जाये तो इससे निर्माताओं, तकनीशियनों और कलाकारों का मनोबल टूटता है। सूरज का कहना हैं कि कुछ हद तक अवॉर्ड की खरीद बिक्री भी होती हैं, जो शर्मनाक हैं। जिसमें कई गिरोह बना कर काम करते हैं। यहां सवाल यह उठता है कि आखिर कौन है जो सूरज सम्राट की फिल्मों को दरकिनार कर रहें हैं? साथ ही वे कौन हैं, जो अच्छे फिल्म और कलाकारों को उन मंचों तक जाने से रोक रहें हैं, जिसके लिए वह बनी हैं।
ज्ञात रहें सूरज की फिल्में सामाजिक, मनोरंजक और संदेशात्मक होती हैं। साथ ही इनका किरदार और कहानी भिन्न – भिन्न फिल्मों में हमेशा कुछ अलग ही होता हैं। इस प्रकार दरकिनार किए जाने पर सूरज सम्राट ने कहा कि ऐसा लगता हैं कि भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड सिर्फ कुछ तथाकथित तक सीमित हो चुकी है, जो एक दूसरे से जुड़े हैं।
वहीं तथाकथित कार्यक्रम आयोजक से गुट बनाकर अवॉर्ड शो करवाते हैं और आपस में ही वितरण कर लेते हैं। अर्थात भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गुटबाजी हावी है, जो इंडस्ट्री और उभरते हुए कलाकारों के लिए ठीक नहीं है। ओटीटी और टीवी पर प्रसारित सूरज सम्राट की फिल्मों का प्रदर्शन देखा जाए तो रेटिंग और व्यूज में खरी उतरती हैं। इसके बावजूद इनकी फिल्मों को अवार्ड न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
दुसरी ओर देखा जाए तो दर्शक और भोजपुरी के बड़े-बड़े सेटेलाइट चैनल इनकी हर सिनेमा को हाथों हाथ लेते है। सूरज की हमदर्द और मोहब्बत रंग लायेगी बहुत जल्द रिलीज होने वाली हैं। वहीं दिल तुझको पुकारे, सूरज और पांच बेटियां का पोस्ट प्रोडक्शन हो चुका हैं। जबकि,मैभा महतारी की शूटिंग पूरी हो चुकी हैं और पोस्ट प्रोडक्शन जारी हैं, जिसके निर्देशक राम पटेल हैं।
हाल ही में सूरज कई फिल्मों के लिए अनुबंधित किए गए हैं, जिसके निर्देशक सूरज राजपूत, दिलीप जान और बबलू गद्दी व लाल मणि चोबे हैं। चूंकि, फिल्मों का टाइटल रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, इसलिए सार्वजनिक घोषणा नहीं हुई है। फिल्मों के साथ ही सूरज सम्राट के म्यूजिक वीडियो रिलीज होते ही रहते हैं।
यशी फिल्म्स और वेव म्यूजिक कंपनी से इनके कई म्यूजिक वीडियो आये दिन रिलीज हो रहे हैं। वहीं गरिमा फिल्म्स एंड म्यूजिक वर्ल्ड के लिए सूरज सम्राट फिल्म व एलबम के लिए अनुबंधित किए गए हैं, जिसमें इनके साथ शिल्पी राज, शिवानी सिंह, खुशी कक्कर, अंतरा सिंह, नेहा राज ने भी गायिकी की हैं। छठ के बाद सूरज सम्राट का म्यूजिक वीडियो रिलीज होने को है, जिसमें शिल्पी राज और शिवानी सिंह ने भी अपनी आवाज दी है।
सूरज ने कहा कि उन्हें खुशी हैं दर्शकों का प्यार आशीर्वाद बना हुआ है। यही मेरे लिए सबसे बडा अवॉर्ड है. इससे बढकर कोई अवॉर्ड नहीं चाहिए। उनकी फिल्मों को दर्शक अपना प्यार देते हैं। लेकिन,भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अवॉर्ड को लेकर गुटबाजी नये कलाकारों के लिए एक खतरा मानते हैं। जो इंडस्ट्री के लिए घातक साबित हो सकती हैं।
सूरज ने बिहार में फिल्म नीति लागू करने से खुशी जाहिर करते हुए बिहार सरकार को साधुवाद दिया।उन्होंने कहा कि सरकार की यह अच्छी पहल हैं। लेकिन, बिना राजनीति के फिल्म नीति पर कार्य हो तो राज्य के कलाकारों को ज्यादा लाभ मिलेगा।
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