तेनुघाट (बोकारो)। तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम उतम आनंद ने जरीडीह थाना अंतर्गत तीरो टोला निवासी लखिन्द्र कपरदार एवं रविन्द्र कपरदार को जानलेवा हमला के मामले में सिद्ध दोषी पाने के बाद दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। बता दें कि सुचक जरीडीह थाना अंतर्गत तीरो टोला निवासी अजीत कपरदार ने जरीडीह थाना में ब्यान दर्ज कराया कि 25 दिसम्बर 2015 को उसका छोटा भाई लखिन्द्र कपरदार शराब पीकर आया और सुचक एवं उसकी पत्नी को गाली गलौज करने लगा। विरोध किया तो भाई रविन्द्र कपरदार घर से निकला और लाठी डंडे से मारपीट करने लगा। इस बीच सुचक की पत्नी एवं बच्चे बचाने आए तो उन्हें भी मारपीट करने लगे। जिससे सुचक की बेटी को रड से चेहरा पर मारकर जख्मी कर दिया। जिसका इलाज जैनामोड़ अस्पताल में कराया गया। इस सब की जड़ मेरी बहन सोमली देवी है। उक्त ब्यान के आधार पर जरीडीह थाना में मामला दर्ज किया गया। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर आनंद के न्यायालय में आया। न्यायालय उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्ष के अधिवक्ताआें की बहस सुनने के बाद लखिन्द्र कपरदार एवं रविन्द्र कपरदार को जानलेवा हमला के मामले में सिद्ध दोषी पाया। इस मामले में न्यायधीश ने आरोपियों को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं 27,000 रुपये जुर्माना देने आदेश दिया है। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। वहीं सोमली देवी को साक्षय के अभाव में पूर्व में रिहा किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार ने बहस की।
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