एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में चास स्थित एसडीओ कोर्ट के अधिवक्ताओं को नए भवन में बैठने को लेकर तीन दिनों से गतिरोध चल रहा था, जिसका बीते 7 अक्टूबर को निराकरण हो गया।
जानकारी के अनुसार एसडीओ ओम प्रकाश गुप्ता और चास एसडीपीओ प्रवीण कुमार सिंह के मौजूदगी में अधिवक्ता प्रतिनिधियों से सकारात्मक वार्ता हुई। जिसमें एसडीओ ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अधिवक्ताओं को नए परिसर में बैठने की व्यवस्था की जायेगी। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जहां पूर्व में अधिवक्ता बैठ रहे थे वही से कार्य करेंगे।
वार्ता में संघ के प्रभारी महासचिव महेश चौधरी, कोषाध्यक्ष सोमनाथ शेखर, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि, कार्यकारिणी सदस्य अतुल कुमार, मृत्युंजय मल्लिक, सम्पूर्ण चंद्र लायक, कामदेव पाठक, अमरेश कुमार, परीक्षित कुमार यादव, चंडी चरण महतो, अनिल महतो, अनंत कुमार पांडेय, एस डी पांडेय, कमल प्रकाश महतो, विश्वजीत कुमार, समेत कई अधिवक्ता मौजद थे। ज्ञात हो कि तीन दिनों से अनुमंडल कोर्ट के अधिवक्तागण न्यायलय का बहिष्कार कर रहे थे। जिसके कारण कोई न्यायिक कार्य नहीं हो रहा था।
दहेज हत्या का आरोपी सबूत के अभाव में रिहा
एक अन्य जानकारी के अनुसार बोकारो के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश गरिमा मिश्रा की अदालत ने दहेज हत्या के आरोपी आयुष कुमार को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया।
बताया जाता है कि सूचक ने बीएस सिटी थाना में आवेदन देकर कहा था कि आरोपी उसकी पुत्री को दहेज के लिए तंग करता था, जिसके कारण शादी के दो महीने के अंदर ही फांसी लगाकर पुत्री ने आत्महत्या कर ली। आरोपी घटना के समय से ही जेल में बंद था। विचारण के पश्चात एसटी केस नंबर 99/24 में न्यायलय ने आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया।
आरोपी की ओर से युवा अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बहस करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। पुलिस बेवजह निर्दोष को अपराधी बनाने पर तुली हुई थी। आरोपी ने कभी भी दहेज के लिए कोई दवाब नही बनाया था। दोनों पक्षों का बहस सुनने के बाद न्यायलय ने आरोपी आयुष कुमार को रिहा कर दिया।
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