कम बर्षा से कुआं तालाब सुखा, नदियां डुबोने में लगी
गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार के वैशाली जिले में इनदिनों अजब स्थिति है। एक ओर जहां कम बर्षा के कारण जिले में स्थित सैकड़ो कुआं तथा तालाब सुख गया है वहीं यहां से गुजरनेवाली गंगा तथा गंडक रहिवासियों को बाढ़ की पानी में डुबोने पर आमादा है।
जानकारी के अनुसार वैशाली जिला में गंगा और गंडक नदी के किनारे बसे गांव नदी में आये उफान की वजह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिले में मानसून की वर्षा बहुत ही कम हुई है। जिससे यहां के अधिकांश भाग के पोखर, कुआं तथा नाले सुख गये हैं।
हालांकि हथिया नक्षत्र में हुई हल्की बूंदाबांदी से धान और मकई की फसल में थोड़ी सी जान आ गई है, लेकिन वैशाली जिले के गंडक नदी के किनारे के वैशाली, लालगंज और हाजीपुर अंचल के गांव जो नदी तथा बांध के किनारे बसे थे। वहां गंडक नदी में बाढ़ आने से उनका सब कुछ डूब गया है।
बताया जाता है कि बीते एक अक्टूबर को गंडक नदी में नेपाल के वाल्मीकिनगर बराज से करीब छह लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना ने गंगा-गंडक किनारे बसे रहिवासियों की चिंता बढ़ा दी है। दूसरी ओर गंगा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि की संभावना को देखते हुए वैशाली जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने तटबंधों की सुरक्षा एवं आमजनों की सुरक्षा के लिए तटबंध की निगरानी बढ़ा दी है।
बताया जाता है कि बाढ़ से होनेवाले तबाही को कम करने को लेकर तिरहुत तटबंध पर मजदूरों के साथ कनीय अभियंता, सहायक अभियंता की तैनाती की गयी है। इसके अतिरिक्त मनरेगा पीओ, पीटीए, पीआरएस, बीपीआरओ व् डाॅक्टर की प्रतिनियुक्ति वैशाली, लालगंज एवं हाजीपुर अंचल में की गयी है। मेडिकल टीम एंबुलेंस एवं आवश्यक दवा के साथ तैनात रहेगी। एसडीआरएफ को भी अलर्ट मोड में रखा गया है।
तिरहुत तटबंध पर फुलाढ़ पंचायत का चक पीतांबर गांव पूरी तरह गंडक की बाढ़ से डूब गया है। स्थानीय रहिवासी बांध पर शरण लिए हैं। बलहा बसंता तथा अकिलाबाद में तीन शिफ्ट में पदाधिकारी व कर्मी को तैनात किया गया है। ज्ञात हो कि, नेपाल में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश व वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगातार भारी मात्रा में पानी डिस्चार्ज करने की वजह से गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर से पूरे उफान पर है।
राज्य मुख्यालय से भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। गंडक नदी में बाढ़ आने की स्थिति में तरहुत तटबंध में कई सुलीस गेट बनाए गए हैं, लेकिन गेट से निकलने वाले पानी का रास्ता और नाला जो था उसे रहिवासियों ने अतिक्रमण कर जाम कर दिया है।पहले गंडक में बाढ़ आने पर वैशाली जिले का लालगंज और हाजीपुर के धनहर क्षेत्र में पानी आ जाता था, लेकिन अब निकासी का नाला जाम होने से इस बार पानी सुलिस गेट से नही निकल रहा है।
गंडक नदी में उफान की वजह से जिला मुख्यालय हाजीपुर में स्थित कौनहारा घाट स्थित अशमाशन घाट पानी के अंदर समा गया है, जिस वजह से शव का दाह संस्कार में परेशानी हो रही है। साथ ही कौनहारा घाट के सामने दूसरी ओर सारण जिला के हद में सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर के सामने का कालीघाट पूरी तरह जलमग्न होकर बाढ़ की पानी से डूब गया है।
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