एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बीते अगस्त माह में जमा किये गये फार्म पर गरीबों को 72 हजार से कम का आय प्रमाण-पत्र बनाने, भूमिहीनों को वासभूमि, कच्चा मकान वाले को पक्का मकान देने, सरकारी जमीन पर बसे को पर्चा, महिलाओं के समूह का लोन माफ करने, प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने एवं 2 सौ यूनिट बिजली फ्री देने, वृद्धावस्था, मोसमाती एवं दिव्यांग पेंशन 4 हजार रूपए करने, राशन में दाल-तेल-चीनी आदि शामिल करने, मनरेगा में लूट-भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, बंद, अधूरे एवं खराब मोटर, जलमिनार को ठीक कर सभी वार्डों में पेय जलापूर्ति दुरुस्त करने आदि मांगों को लेकर भाकपा माले एवं खेग्रामस द्वारा बीते 28 सितंबर से ताजपुर अंचल सह प्रखंड कार्यालय पर शुरू अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन कार्यालय अवधि में 30 सितंबर को दूसरे दिन भी जारी रहा।
इस दौरान प्रखंड मनरेगा एवं अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। भाकपा माले नेताओं ने झंडा, बैनर एवं मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर नारा लगा रहे थे। इसके बाद कार्यकर्ता धरना पर बैठ गये। मौके पर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समक्ष सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आय प्रमाण-पत्र, भूमि एवं आवास से संबंधित 548 फार्म भरकर 22 अगस्त को जमा किया गया था, लेकिन आज तक प्रमाण-पत्र बनाना शुरू नहीं किया गया है। भूमि एवं आवास का फार्म भी पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि कार्यालय पर दलाल-विचौलिया का कब्जा है। नल-जल योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। दो नंबर टंकी, मोटर, पाईप का इस्तेमाल किया गया है।
प्राक्कलन का पूरा राशि उठाव के बाबजूद दर्जनों नलजल आज भी अधूरा है। बीडीओ से शिकायत करने पर पीएचईडी जेई एवं पीएचईडी जेई से शिकायत करने पर बीडीओ के पास भेज दिया जाता है। फिर नगर परिषद क्षेत्र में कार्यपालक अभियंता के पास। यहां दौड़ा-दौड़ी तो खूब कराया जाता है, लेकिन पेय जलापूर्ति नहीं होता। यह जनविरोधी कदम है। इसके खिलाफ भाकपा माले एवं खेग्रामस का अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन जारी रहेगा।
सभा को जिला कमिटी सदस्य आसिफ होदा, प्रखंड कमिटी सदस्य प्रभात रंजन गुप्ता, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, मो. एजाज, मो. कयूम, राजदेव प्रसाद सिंह, मोतीलाल सिंह, सुलेखा कुमारी, रतन सिंह, रंजू कुमारी, रामचंद्र पासवान, मुंशीलाल राय, नीलम देवी, रजिया देवी आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर अधिकारियों के बुलावे पर मजिस्ट्रेट के साथ 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों से मिलकर मांगों को रखा। कुछ मुद्दे पर सहमति बनी, बाकी मुद्दे पर असहमति के कारण वार्ता विफल रहा। मांग पूरा होने तक अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन कार्यालय अवधि में जारी रखने की घोषणा की गई।
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