रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। झारखंड के क्रांतिकारी नेता इमाम सफी ने प्रदेश की लचर व्यवस्था को देखते हुए कहा कि झारखंड नया राज्य बने 24 वर्ष होने को है जो बहुत बड़ा समय होता है। इतने समय में झारखंड में अपनी स्थानीय नीति, नियोजन नीति, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग व विस्थापन नीति बन जानी थी।
सफी ने कहा कि शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, विकास, प्रति व्यक्ति आय स्तर उच्च हो जाना चाहिए था। भ्रष्टाचार, कुपोषण, बेरोजगारी, पलायन पर नियंत्रण हो जाना चाहिए था। लेकिन आज भी झारखंडी जनता अपनी मूलभूत आवश्यकता के लिए संघर्ष कर रहा है। आज झारखंड का हर आदमी आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए था, लेकिन ठीक उसके विपरित लगभग हर व्यक्ति पेंशन-भोगी बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि इन 24 वर्षों में बीजेपी व आजसू मिलकर लगभग 15 वर्ष शासन किया। वहीं बीजेपी व जेएमएम मिलकर लगभग ढाई वर्ष और जेएमएम व कांग्रेस मिलकर लगभग 5 वर्ष शासन किया है। इस बीच 13 मुख्यमंत्री बने और तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगा। इस दौरान नेता व अधिकारियों की सम्पत्ति हजार गुणा बढ़ गया, लेकिन राज्य की जनता गरीब और बदहाल हो गई।
सफी ने कहा कि झारखंड के साथ अलग हुए दो राज्य छत्तिसगढ़ तथा उत्तराखंड कम संसाधन के वावजूद तरक्की कर गए, लेकिन खनिज संसाधन से परिपूर्ण राज्य झारखंड आज लूटखंड बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा समय तक शासन करने के बाद आज भी बीजेपी की गिद्ध नजर झारखंड पर है। सबसे ज्यादा पांच-पांच पुर्व मुख्यमंत्री आज बीजेपी के पास है, जिसे राज्य की जनता ने अवसर दिया।
फिर भी एक नीति तक नहीं बना सकी और फिर आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री बनने को छटपटा रहे हैं। तरह तरह के आश्वासन व प्रलोभन दे रहे हैं। उससे नहीं हो रहा है तो हिंदू-मुसलिम, जाति-पांति, पाकिस्तान-बंग्लादेशी की बांटो और राज करो की नीति पर काम कर रही है। इधर वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल से निकलते ही पुर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को अपदस्थ कर सत्ता हथिया ली। अपने पिता के बराबर तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार नौकरी व रोजगार के नाम पर सत्ता में आया था।
उसकी नियुक्ति वर्ष का टांय-टांय फिस हो गया। इसके काल में बेरोज़गारी चरम पर पहुंच गया। चुनाव नजदीक आते ही आनन फानन में जनता को पेंशन भोगी बना दिया।
कहा ज कुल मिलाकर बीजेपी, आजसू, कांग्रेस व जेएमएम को झारखड की जनता ने बार-बार मौका दिया, लेकिन इन पार्टियों के नेताओं ने भोली-भाली जनता को खूब धोखा दिया। इसलिए राइटर एंड फाइटर सूर्य सिंह बेसरा की कहावत प्रचलित हो रही है।
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