क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ द्वारा बीएसएल प्लांट में चेतावनी रैली

मजदूरों का प्रण, तानाशाही का करेंगे समूल अन्त-राजेंद्र सिंह

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) प्रबंधन के मजदूर विरोधी दमनकारी नीति के खिलाफ 23 सितंबर को प्लांट में चेतावनी रैली का आयोजन किया गया।

सेल/बोकारो इस्पात संयंत्र के धमन भट्ठी विभाग के मजदूरों ने एचएमएस से संबद्ध क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ के बैनर तले जोरदार चेतावनी प्रदर्शन किया।चेतावनी प्रदर्शन धमन भट्ठी क्रमांक 3 से रैली के रूप में आरंभ हुई और मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर विशाल सभा में तब्दील हो गई।

चेतावनी प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संघ के महामन्त्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सेल एवं बोकारो प्रबंधन पूर्णतया मजदूर विरोधी भावना से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि आज उत्पादन में ठेका मजदूर निर्णायक भुमिका निभा रहें हैं। स्थाई प्रकृति के सभी कार्यों को ठेका मजदूरों द्वारा कराया जा रहा है।

मगर बदले में ठेका मजदूरों को मिलता है तो सिर्फ जलालत और नफरत। उन्होंने कहा कि एक तो झारखंड सरकार का मिनिमम वेज, वह भी किसी को मिलता है, तो किसी को नहीं। ना ग्रेच्युटी, ना ग्रुप इंश्योरेंस, ना किसी प्रकार की छुट्टी और ना हीं नाइट शिफ्ट एलाउंस। इतना शोषण के बावजूद भी इनकी आत्मा तृप्त नहीं हुई। अब ठेका मजदूरों के शोषण की कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए इन्होंने एक नया काला कानून लाया है। वह है मेडिकल चेकअप का।

सिंह ने कहा कि अगर मेडिकल चेकअप पर बीएसएल प्रबंधन का हृदय साफ होता तो कोई भी मजदूर काम से बाहर नहीं होता। काम करते हुए मेडिकल चेकअप कीजिए, मगर मामूली सी बात पर गेट पास रोकना शोषण नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा कि आज पूरे प्लांट के मजदूर मेडिकल जाँच की खामियों की वजह से आक्रोशित हैं।

एनजेसीएस सदस्य सिंह ने कहा कि आज धमन भट्ठी तो कल कोक ओवन एवं कोक केमिकल्स में चेतावनी प्रदर्शन कर ठेका मजदूर मेडिकल जाँच की त्रुटियों के सुधार की मांग करेंगे। अगर इसके बाद भी प्रबंधन कान में तेल डालकर सोती रहेगी तो आंगन 28 सितंबर को पूरे प्लांट के मजदूर अधिशासी निदेशक (संकार्य) कार्यालय पर प्रदर्शन कर हड़ताल नोटिस देने को मजबूर होंगें।

प्लांट के नियमित मजदूरों की समस्याओ पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि सेल और बोकारो प्रबंधन शोषण में बिल्कुल भेदभाव नहीं करती है। सभी मजदूरों का एक समान शोषण करती है। कहा कि 39 माह के एरियर के मुद्दे पर मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) के स्तर पर हुए समझौते को भी ठंढे बस्ते में फेंक दिया गया है।

बोनस पर एकतरफा फैसला इनके मजदूर प्रेम का परिचायक है। आदम जमाने का इन्सेंटिव रिवॉर्ड स्कीम जो अब बेमतलब हो चुका है, हम पर आज भी वही स्कीम लागू है। इसके बाद भी क्षमता से अधिक उत्पादन सीमा तय कर इन्सेंटिव में कटौती की जा रही है। मतलब एक तो करेला वो भी नीम चढ़ा। चेतावनी प्रदर्शन को सिंह के अलावे शशिभूषण, मनोज ठाकुर, चन्द्र प्रकाश, संतोष कुमार आदि ने भी संबोधित किया।

 

 83 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *