आय प्रमाण-पत्र, वासभूमि की मांग को लेकर धरना दूसरे दिन भी जारी

गरीबों को 72 हजार का आय प्रमाण-पत्र नहीं तो अमीरों का कैसे?-सुरेंद्र

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। विभिन्न मांगो को लेकर समस्तीपुर जिला के हद में जितवारपुर अंचल सह प्रखंड कार्यालय पर खेग्रामस द्वारा बीते 9 सितंबर से शुरू घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन 10 सितंबर को दूसरे दिन भी जारी रहा।

मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के लिए 72 हजार रुपए से कम का आय प्रमाण-पत्र बनाने, भूमिहीनों को वासभूमि देने, कच्चा मकान वाले को पक्का मकान देने, दिल्ली की तर्ज पर 2 सौ यूनिट बिजली फ्री देने एवं प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने, वृद्धावस्था, मोसमाती एवं दिव्यांग पेंशन 3 हजार रूपए करने, जनवितरण प्रणाली में चावल, आदि।

गेहूं के साथ चीनी, दाल, तेल आदि देने, जमीन सर्वे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर पारदर्शी व्यवस्था करने, मनरेगा में भ्रष्टाचार रोकने आदि की मांग को लेकर जितवारपुर अंचल सह प्रखंड कार्यालय पर खेग्रामस आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा।

इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता आंदोलन में पहुंचे। मौके पर खेग्रामस के अशोक राय की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। संचालन खेग्रामस के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष उपेंद्र राय ने किया।

सभा को मो. ऐनुल हक, अशोक कुमार, सोनेलाल पासवान, वीरेंद्र शर्मा, टींकू यादव, सुदामा देवी, बिन्दा देवी, सविता देवी, गिरजा देवी, फूलो देवी, फुलझर देवी, माले प्रखंड सचिव अनील चौधरी, जिला कमिटी सदस्य राजकुमार चौधरी आदि ने संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गरीबों को 72 हजार रुपए से कम का आय प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जा रहा है, लेकिन अमीरों से अवैध वसूली कर गरीबी का प्रमाण-पत्र बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यही हाल भूमिहीनों को वासभूमि देने के मामले का है। वास भूमि के अभाव में यहां के रहिवासियों का आवास का पैसा लौट जाता है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक सभी गरीबों को पक्का मकान देने की घोषणा की गई थी, लेकिन 2024 बीतने को है। बड़ी आबादी आज भी कच्चे मकान में रहने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि अमीर राज्यों में 2 सौ यूनिट बिजली फ्री है।

राशन में चावल-गेहूं के साथ चीन, दाल, तेल आदि मिलता है, लेकिन सबसे गरीब राज्य बिहार में सुविधा तो छोड़िए उल्टे प्री-पेड मीटर लगाकर उपभोक्ताओं का खून चुसा जा रहा है। यह अन्याय है और इस अन्याय के खिलाफ न्याय मिलने तक भाकपा माले का संघर्ष जारी रहेगा।

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