एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए आदिवासी मूलवासी अभ्यर्थियों जिनकी दौड़ने के क्रम में किन कारणो से मौत हुई है उन कारणो की जांच कराए सरकार। साथ हीं मृत उत्पाद सिपाही के अभ्यर्थियों के आश्रित परिवार को 50 लाख का मुआवजा अविलंब देने का पहल झारखंड सरकार करे।
उक्त बातें एक सितंबर को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने झारखंड की राजधानी रांची के हटीया स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कही। नायज उत्पाद सिपाही दौड़ के दौरान हो रहे बेरोजगार युवाओं की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह अप्रत्याशित घटना एवं सोचनीय प्रश्न है। कहा कि उत्पाद सिपाही नियुक्ति के लिए हुए दौड़ प्रतियोगिता में लगभग 10 अभ्यार्थियों की दौड़ने से हुई मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से मांग किया कि इन घटनाओं एवं हुई मौत की विशेष कमेटी बनाकर मामले की जांच होनी चाहिए, क्योंकि जितने सेना के बहाली में बेरोजगार युवाओं की मौत नहीं होती है, उतना मौत एक उत्पाद सिपाही की नियुक्ति में दौड़ने से हुई है। यह जांच का विषय है। कहा कि मामले में जो भी दोषी पाए जाए उसे पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
नायक ने कहा कि आदिवासी मूलवासी बेरोजगार साथियों की असमय मौत ने पूरे राज्य को झकझोड़ने का काम किया है और सोचने पर मजबूर किया है। इसलिए सरकार किंतु परंतु ना करते हुए इन कारणो की गहन रूप से जांच करे, ताकि असमय मौत के गाल में सामने वाले युवाओं की हुई मौत के कारणो को जाना जा सके और भविष्य में इससे सरकार सबक ले सके।
नायक ने कहा कि सरकार तुरंत मृत अभ्यार्थियों के परिवार को 50 लाख रुपया मुआवजा देने का काम करें। साथ हीं सरकार को आश्रित परिवारों में हर एक घर से एक नौकरी दिया जाना चाहिए, ताकि जिनके घर ऐसी घटना घटी हो उसके दु:ख पर मरहम पट्टी लगाया जा सके और उनके दु:ख को हल्का किया जा सके।
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