जब चंद्रमा पूर्ण होता है, तब भगवान बलराम प्रकट होते हैं-लक्ष्मणाचार्य
प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थान नौलखा मन्दिर परिसर में श्रावण मास की अंतिम सोमवारी 19 अगस्त को पांच दिवसीय श्रावणी झूला उत्सव संपन्न हो गया।
उत्सव के अंतिम दिवस बलभद्र (बलराम) के प्रकट दिवस का उत्सव मनाया गया। श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मान्यता है कि जब चंद्रमा पूर्ण होता है, तब भगवान बलराम प्रकट होते हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण एवं बलदेव जी की महिमा कीर्तन करते हुए कहा कि त्रेता युग में शेषावतार लक्ष्मण जी भगवान श्रीरामचंद्र के छोटे भाई के रूप में प्रकट हुए।
लक्ष्मण अपने मन के अनुसार श्रीरामचंद्र की सेवा नहीं कर पाए। इस बात का उनको बहुत दु:ख था। इसीलिए द्वापर युग में भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में प्रकट हुए।
इससे पूर्व देवस्थानम के गर्भ गृह में भगवान श्रीबालाजी वेङ्कटेश, श्रीश्रीदेवी तथा श्रीभूदेवी का अभिषेक कर अलौकिक सजावट की गई। मंदिर में पधारे भक्तों ने श्रीराधा माधव जी को झूला झुलाया।
इस अवसर पर देवस्थान प्रबंधक नन्द कुमार राय ने कहा कि इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य सामाजिक मेल जोल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि महोत्सव समापन के बाद श्रद्धालुओं को क्षीरान्न महाप्रसाद भण्डारा खिलाया गया। उक्त अवसर पर विनय कुमार चौबे, दिलीप झा, ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, श्रीलाल पाठक, ओंकार सिंह, प्रह्लाद कुमार सहित सैकड़ो श्रद्धावान सम्मिलित हुए।
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