एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। रागा पटना की प्रस्तुति तथा साहित्यकार हृषिकेश सुलभ के उपन्यास दाता पीर पर आधारित स्मॉल टाउन ज़िन्दगी नाटक का मंचन 4 अगस्त को बिहार की राजधानी पटना के प्रेमचंद रंगशाला में किया गया।
प्रस्तुत नाटक के दौरान मंच पर विशाल प्रॉपर्टी का जबरदस्त अभिनय की झलक देखने को मिला, जिसके लिए निदेशक रणधीर कुमार जाने जाते हैं। उक्त जानकारी देते हुए कलाकार साझा संघ के सचिव तथा प्रख्यात रंगकर्मी मनीष महीवाल ने बताया कि प्रस्तुत नाटक स्मॉल टाउन ज़िन्दगी हृषिकेश सुलभ के उपन्यास दाता पीर का नाट्य रूपांतरण है।
पाटलिपुत्र (पटना का पौराणिक नाम) के प्राचीन इलाकों पर आधारित यह नाटक जीवन और मृत्यु की जटिल संबंध पर प्रकाश डालता है। बताया कि उक्त नाटक व्यक्ति के अस्तित्व संबंधी विचारों की खोज करता है।
महीवाल के अनुसार प्रस्तुत नाटक स्मॉल टाउन ज़िन्दगी में फजलू, रसीदन, अमीना, चुन्नी, समद, साबिर, बबलु, सत्तार और राधे के जीवन की कथा है, जो कब्रों और मैंयतो के बीच पलती है और जीवन की क्षणिक प्रकृति और मृत्यु की स्थायित्व को दर्शाती है। अमीना और चुन्नी के बीच की तनावपूर्ण प्रतियोगिता दुनिया में अस्तित्व के लिए संघर्ष का प्रतीक है, जहां मृत्यु हमेशा मौजूद है।
महीवाल के अनुसार उक्त नाटक का विषय प्रेम और मानवीय भावना की स्थायी विरासत के इर्द-गिर्द घूमता है, जो हमारे जीवन को परिभाषित करने वाले गहन संबंधों की कहानी है। अपनी समृद्ध कथा और विचारोत्तेजक दृश्यों के साथ स्मॉल टाउन ज़िंदगी दर्शकों को जीवन और मृत्यु के बीच के नाजुक संतुलन और आमजनों पर उसके स्थायी प्रभाव पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती है।
उक्त नाटक स्मॉल टाउन ज़िन्दगी के मंच पर सुनील कुमार राम, आदिल रशीद, अंजली शर्मा, राहुल रवि, रौशनी कुमारी, प्रियांशी, सौरभ सागर, संदेश कुमार ने बेहतरीन अभिनय प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जबकि मंच से परे
प्रस्तुति आलेख व् पोस्टर कृष्ण समिद्ध, परिदृश्य व् वस्त्र विन्यास रणधीर कुमार, नृत्य संरचना रौशनी कुमारी एवं प्रियांशी, ध्वनि राहुल राज, आदि।
प्रकाश रणधीर कुमार एवं राजीव कुमार, सेट निर्माण सुनील कुमार शर्मा, सेट निर्माण सहयोगी धनराज एवं विनय कुमार, प्रस्तुति प्रबंधक सुनील कुमार राम, मंच प्रबंधक आदिल रशीद, प्रस्तुति सहयोग भूपेन्द्र कुमार, बीरबल, उपेन्द्र, श्याम बिहारी, चंदन कुमार, बृजानंद प्रसाद, सह-निदेशक अंजली शर्मा, निर्देशक रणधीर कुमार एवं कृष्णा समिद्ध ने नाटक की प्रस्तुति में अहम योगदान दिया है।
95 total views, 1 views today