सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। झारखंड-ओडीसा सीमा पर स्थित सारंडा वन क्षेत्र के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले मनोहरपुर व नोवामुण्डी प्रखंड क्षेत्र के 10 वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर ग्राम विकास परिषद के बैनर तले ग्रामीणों द्वारा कई वर्षो से आंदोलन किया जा रहा था।
इस क्रम में प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र के रहिवासी मुख्यमंत्री, झामुमो जिलाध्यक्ष आदि से मुलाकात किये थे। अंत में ग्रामीणों ने जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु से मिलकर अपनी समस्या रखी। इसी मांग के आलोक में विधायक सिंकु ने सरकार के समक्ष सदन में रखते हुए उन दस वन ग्रामों को राज्सव गांव का दर्जा देने की मांग की।
सवाल के जबाब पर सदन में विधायक सिंकु को सरकार द्वारा जबाब दिया गया की मनोहरपुर प्रखंड के वन ग्राम थोलकोबाद, तिरिलपोसी, नयागांव, दीघा, बिटकिलसोय, बलिवा, कुमड़ी एवं नोवामुण्डी प्रखंड के करमपदा, नवागांव, भनगांव सारंडा जंगल में बसे है। सरकार के वन ग्राम सूची में इन गांवों का नाम शामिल है।
अतः जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के 8 नवंबर 2013 के पत्रांक क्रमांक-23011/33/2010 एफआरए के आलोक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित कराने हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के इस आदेश तथा विधायक सिंकु के बेहतर प्रयास से सारंडा के दसों वन ग्रामों के मुंडा व ग्रामीणों में भारी हर्ष है।
उक्त गांवों के ग्रामीण बीरबल गुडि़या, सांतियल भेंगरा, बिनोद होनहागा, आलोक तोपनो, अनिल तोपनो आदि ने कहा कि हम ग्रामीण विधायक सोनाराम सिंकु के आभारी हैं। उन्होंने हमलोगों से किये वायदे को पूरा किया है। हमें उम्मीद है कि सरकार अब जल्द दसों वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्जा देगी।
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