साभार/ ठाणे। महाराष्ट्र के भिवंडी में पुलिस ने एक चालीस साल के कोचिंग संचालक को गिरफ्तार किया है। कोचिंग संचालक पर एसएससी का प्रश्नपत्र लीक करने का आरोप है। इसके अलावा ठाणे जिले में महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की दसवीं कक्षा के तीन विषयों की परीक्षा के प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए। पुलिस दोनों मामलों को एक-दूसरे से जोड़कर जांच कर रही है।
महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (एसएससी) परीक्षा एक मार्च को शुरू हुई है। मुंबई डिविजनल बोर्ड द्वारा मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस विज्ञान के पेपर लीक होने की जांच कर ही रही थी कि इतिहास और राजनीति विज्ञान का पेपर बुधवार की सुबह 9.50 बजे वॉट्सऐप पर आउट हो गया। इन विषयों की परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू होनी थी।
पुलिस जांच कर रही है कि क्या आरोपी दोनों मामलों में शामिल हैं। हिस्ट्री पेपर लीक तब सामने आया जब भिवंडी में परशुराम धोंडू तावर विद्यालय की एक शिक्षिका विद्या पाटील ने पाया कि परीक्षा से कुछ मिनट पहले तीन छात्राएं अपने मोबाइल पर कुछ पढ़ रही हैं। सारे छात्रों के आने के बाद तीनों छात्राएं अंतिम घंटी के बजने के बाद सबसे लास्ट में परीक्षा रूम के अंदर पहुंची। पाटील को संदेह हुआ। उन्होंने छात्राओं के फोन चेक किए तो पाया कि उनके मोबाइल पर टॉपर्स नाम के एक वॉट्सऐप ग्रुप में इतिहास के प्रश्नपत्र वाले सात पन्ने पड़े हैं।
टीचर ने देखा कि उस वॉट्सऐप ग्रुप के चार सदस्य थे और इसमें वह पेपर सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर पोस्ट किया गया था। उन्होंने चेक किया तो पाया कि वॉट्सऐप ग्रुप में पड़ा प्रश्नपत्र परीक्षा हॉल में बांटा गया प्रश्नपत्र एक जैसा था। टीचर ने स्कूल के प्रिंसिपल गणेश भोईर को सूचित किया। प्रिंसिपल ने तत्काल में नारपोली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। वरिष्ठ निरीक्षक मालोजी शिंदे ने कहा, ‘हमने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है और एक बार छात्रों की परीक्षा खत्म होने के बाद हम उनके बयान भी दर्ज करेंगे।’
लड़कियों के फोन जब्त कर लिए गए थे और उन्हें पेपर देने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, बोर्ड ने फैसला लिया है कि फिर से परीक्षा नहीं कराई जाएगी क्योंकि पेपर लीक एक छोटे से क्षेत्र तक ही सीमित था, व्यापक स्तर पर नहीं हुआ था।
गुरुवार को, पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों, वज़ीर शेख, को भिवंडी के वेटल पाडा इलाके में एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया जहां से उसे 26 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। भिवंडी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुभाष कोकाटे ने गिरफ्तारी की पुष्टि की, लेकिन अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में स्कूलों के एक किसी कर्मचारी की भूमिका पर संदेह है।
मुंबई मंडल के सचिव शरद खंडगले ने कहा कि वे आगे की कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस जांच का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के बारे में जानेंगे, जो मामले में शामिल थे। यह पेपर बड़े स्तर पर वायरल नहीं हुआ है और भिवंडी में एक छोटे से एरिया तक ही सीमित है। हम इसे लीक नहीं कह सकते हैं या फिर से परीक्षा नहीं दे सकते हैं। मामले में संलिप्तता का पता चलने पर तीनों लड़कियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस स्तर पर किसी भी स्कूल की भूमिका को इंगित करना मुश्किल है क्योंकि हमारे पास वहां 45 केंद्र हैं। हमें पुलिस रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।
पिछले हफ्ते भिवंडी की एक एनजीओ समवद फाउंडेशन द्वारा सामूहिक पेपर लीक की शिकायत पर मुंबई मंडल मंडल के अधिकारियों ने मंगलवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एनजीओ के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बोर्ड अधिकारियों को एक संदिग्ध पेपर लीक मामले के बारे में 14 मार्च को सूचित किया था। 15 मार्च को, उन्होंने साइंस पेपर-1 के स्क्रीनशॉट के साथ एक मेल भेजा जो वॉट्सऐप पर सुबह 10 बजे बंट गया था। इसके बाद उन्होंने 18 मार्च को साइंस पेपर-2 का एक स्क्रीनशॉट भेजा। शर्मा ने टीओआई को बताया कि अगर बोर्ड ने 15 मार्च को ही कार्रवाई की होती तो पेपर लीक से बचा जा सकता था। बोर्ड के अधिकारियों ने हालांकि दावा किया कि परीक्षा आयोजित होने के बाद ई-मेल उन्हें भेजे गए थे और शुरू में यह साबित करना मुश्किल था कि पेपर वास्तव में लीक हो गए थे।
शर्मा ने आरोप लगाया कि इस मामले में कुछ अधिकारियों, स्कूलों, कोचिंग क्लासेस और छात्रों के बीच मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि बुधवार को आयोजित हिस्ट्री पेपर की जो तस्वीरें ली गई थीं वे कार के गियर बॉक्स पर रखकर लिए गए थे। अपनी शिकायत में उन्होंने एक स्कूल, एक शिक्षक और एक वॉट्सऐप ग्रुप का नाम दिया था। उन्होंने कहा कि बीजगणित और ज्यामिति के प्रश्नपत्र भी वॉट्सऐप पर लीक हो गए थे।
2015 से वॉट्सऐप ग्रुपों पर बोर्ड के पेपर लीक हो रहे हैं। 2015, 2016 और 2017 में मेसेजिंग सर्विस पर एचएससी के पेपर लीक हुए थे। 2018 में इंस्टाग्राम अकाउंट ग्रुप पर एसएससी के पांच पेपर लीक हुए थे। जबकि प्रश्नपत्र के साथ पकड़े गए छात्र अंधेरी के एक स्कूल के थे, यह सामने आया कि पेपर मुंब्रा के एक स्कूल से निकल रहे थे।
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