एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका सुनने से इनकार करना साबित करता है कि ईडी दुर्भावना से प्रेरित होकर किसी के इशारे पर कार्य कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने ईडी की दुर्भावना की पोल खोलकर रख दी है।
उपरोक्त बाते झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने 29 जुलाई को कही। उन्होंने कहा कि यह आदेश झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देगा। उन्हें संजीवनी की तरह शक्ति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि जो विरोधी चाहते है कि सीएम हेमंत सोरेन जेल में ही रहे उनके लिए यह बड़ी हार है।
नायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएम सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका सुनने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रुप से कहा है कि झारखंड हाई कोर्ट ने विस्तृत कारण बताते हुए जो आदेश दिया है, उसमे हमे दखल करने की कोई जरूरत नहीं है।
ससे स्पष्ट होता है कि ईडी सीएम सोरेन से जरूरत से ज्यादा दुर्भावना से ग्रसित है। कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को बार-बार अस्थिर करने की साजिश जो की जा रही है, वह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। ऐसे में ईडी के बारे में अच्छा संदेश नहीं जा रहा हैं।
नायक ने कहा कि ईडी दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य नहीं करे और ना ही किसी के इशारों में नाचे, क्योंकि विरोधियों ने जो सत्ता पाने और सरकार गिराने का मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखे थे। हेमंत ने जेल में भी रहकर उन विरोधियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेरने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज सरकार भी मजबूती से चल रही है। जो विरोधी इस सरकार को पून: सत्ता में देख पचा नही पा रही है।
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