एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। लोकसभा में 23 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट में बिहार को तोहफे की सौगात दी गयी है। आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज दिया गया, जबकि झारखंड की घोर उपेक्षा की गयी है। यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आनेवाले विधान सभा चुनाव में झारखंड से भाजपा का खाता बंद कर दिया जाएगा।
उपरोक्त बातें 23 जुलाई को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बजट पेश करने पर झारखंड के साथ की गई उपेक्षा पर प्रतिक्रिया में कही।
उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को खुश करने वाला बजट माना जाएगा। इस बजट में दलित और ओबीसी समाज की घोर उपेक्षा की गई है। गैर विपक्षी राज्यों के सरकारो को बजट में अनदेखा और उपेक्षा किया गया है, जो राज्य के संघीय व्यवस्था को चोट पहुंचाती है।
नायक ने कहा कि बजट में बिहार को बड़ा तोहफा दिया गया है। आंध्र प्रदेश को भी तोहफो की बरसात कर दी गई है। इन दोनो राज्यो को विशेष आर्थिक पैकेज दिये गये। उन्होंने कहा कि पेश बजट में बिहार को हर एक क्षेत्र में पैकेज दिए गए, मगर झारखंड जो सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाला राज्य है इसकी घोर उपेक्षा किया गया है।
जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र की भाजपा सरकार एक आंख में सुरमा और एक आंख में काजल लगाने का काम कर रही है।जिसे झारखंडी जनता देख रही है। इसका दुष्परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा।
नायक ने कहा कि आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत की घोषणा तो की गई, मगर बजट में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्गों की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि सोना, मोबाइल तो सस्ता किया गया मगर खाद्य पदार्थों को उसी तरह रखा गया।
कुल मिलाकर यह बजट बिहार और आंध्र प्रदेश का ही बजट माना जाएगा। झारखंड को सिर्फ रेल लाइन पर फोकस किया गया है, ताकि राज्य के खनिजों का ज्यादा से ज्यादा दोहन खनन किया जा सके। झारखंड के साथ की गई अपेक्षा को झारखंडी जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का कार्य करेगी और झारखंड से बीजेपी का सुपड़ा साफ कर दिया जाएगा।
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