मुंबई। लोकसभा चुनाव के मतदान के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए नए रंगीन पहचान पत्र (वोटर आईडी कार्ड) वितरित करने के लिए शुरुआत की है। नये से पहचान पत्र की मांग करने वाले राज्य के लगभग 46 लाख मतदाताओं को यह नए पहचान पत्र मिलने वाले हैं और आधे से अधिक मतदाताओं को पहचान पत्र का घर पर वितरण किया गया है। बाकी के पहचान पत्र मतदान के पहले मतदाताओं को देने के लिए चुनाव प्रणालियों के माध्यम से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
इस पहचान पत्र पर मतदाता का नाम, छायाचित्र, जन्मदिन की तारीख, पता, लिंग और मतदाता का विशिष्ट पहचान क्रमांक आदि जानकारी टंकीत की गई है। साथ ही बारकोड होने के कारण जाली पहचान पत्र पर रोक लगने वाली है। यह पहचान पत्र पीवीसी से तैयार किया गया है किंतु यह स्मार्ट कार्ड नहीं है।
मतदान करने के लिए भारत चुनाव आयोग का पहचान पत्र नहीं है किंतु मतदाता सूची में नाम है तो इस परिस्थिति में अन्य ग्यारह प्रकार से आयोग ने ग्रहित किए पहचान पत्र के माध्यम से मतदाता अपना हक अदा कर सकते हैं। इसमें पासपोर्ट (पारपत्र), वाहन चालक परवाना, छायाचित्र कर्मचारी पहचान पत्र (राज्य/ केंद्र शासन, सार्वजनिक अभियान, सार्वजनिक मर्यादित कंपनियों का पहचान पत्र), छायाचित्र के बैंक का पासबुक, पॅनकार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण के अंतर्गत राजस्व निर्माण निर्देशांक के माध्यम से दिया गया स्मार्ट कार्ड, मनरेगा कार्यपत्रिका, मजदूर मंत्रालय ने दिया स्वास्थ्य विमा स्मार्टकार्ड, छायाचित्र का अवकाशवेतन दस्तावेज, सांसद, विधायक, विधानपरिषद सदस्य इन्हें दिया गया पहचान पत्र और आधारकार्ड का समावेश है।
ईपीक कार्ड न मिलने पर मतदाता नजदीकी मतदान मदद केंद्र से संपर्क करें। वहां पर पहचान पत्र मिलने के संदर्भ में मार्गदर्शन किया जाता है। मतदाताओं को सभी तरह की जानकारी देने के लिए शुरू किए चुनाव आयोग के 1950 इस टोल फ्री नंबर पर पहचान पत्र मिलने के संदर्भ में मार्गदर्शन किया जाता है।
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