एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। नाट्य शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर 25 जून को बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया। धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रंगकर्मी शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार प्रेमचंद रंगशाला में 25 जून को सुबह 11 बजे से संध्या 6 बजे तक एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों के रंगकर्मियों ने नाट्य शिक्षक की बहाली की मांग को लेकर सरकार और कला संस्कृति विभाग का ध्यान आकृष्ट कराने हेतु धरना दिया। नेतृत्व प्रसिद्ध रंगकर्मी मनीष महीवाल कर रहे थे।
धरना में शामिल मुजफ्फरपुर के रंगकर्मी राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) में नाटक विषय को शामिल नहीं किया गया है, जबकि नृत्य, संगीत, ललित कला आदि विषयों के कलाकारों को शामिल किया गया है।
शिवहर के रंगकर्मी नितेश अस्थाना ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नाट्य विधा को शामिल किया गया है, परन्तु बिहार सरकार द्वारा अन्य विधाओं के शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। वहीं पंचम वेद नाट्यशास्त्र के कलाकारों की भर्ती नहीं हो रही है। पंडारक की आरती कुमारी ने कहा कि वे ग्रामीण इलाके से आती है।
उनके द्वारा नाटक करने पर समाज भाड़, नौटंकीबाज कहता है, जबकि वह अपने गांव की पहली लड़की है जिसने नाट्यशास्त्र से स्नातकोत्तर(पीजी) एवं मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय से डिप्लोमा भी है। फिर भी उन्हें जाननेवाले उसे हेय दृष्टि से देखते है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार नाट्य विधा को रोजगार से जोड़ देगी तो आमजन नाट्य विधा को भी सम्मान की नजर से देखेंगे।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य सभी कलाकारों तथा रंगकर्मियों ने मुक्त स्वर से कहा कि बिहार सरकार माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा में नाटक विषय को शामिल कर बीपीएससी के माध्यम से हमारे लिए नौकरी का रास्ता खोले। अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तो वे सभी आगे इससे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
उक्त एक दिवसीय धरना में उपरोक्त के अलावा रंगकर्मी अमलेश आनंद, समीर चंद्रा, कुमार गौरव, गौतम गुलाल, कृष्णा कुमार, राहुल कुमार राज, रजनीश पांडेय, दीपा दीक्षित, कृष्ण देव, बलराम कुमार, रोशन कुमार, उत्तम कुमार, आरती शर्मा, राहुल रंजन, मो. जहांगीर, विनय चौहान, आदिल राशिद आदि शामिल थे।
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