सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में गुआ एवं आस पास के क्षेत्रों में रहनेवाले ओड़िआ समुदाय द्वारा 15 जून को रोजो संक्रांति पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।
जानकारी के अनुसार नारित्व के सम्मान में मनाया जानेवाला रोजो पर्व में छोटे बच्चे नई परिधानों में झूला झूलते नजर आए। आम तोरण और फूलों से झूलों को सुसज्जित कराया गया।
तीन दिनों तक मनाए जानेवाले इस पर्व में महिलाओं को घर के काम से बंचित रहने की लोक परंपरा रही है। पोहिली रोजो, रोजो संक्रांति एव भुदाह व बासी रोजो के रूप में तीन दिनों तक उत्सव को मनाया जायगा।
ओड़िया भाषा भाषी रहिवासियों के अनुसार आजकल पहले की भांति रोजो पर्व को लेकर उत्साह नहीं रह गया है। जिसकी बड़ी वजह मोबाईल को लेकर बच्चों मे पर्व के प्रति बेरुखी बनती जा रही है। कहा गया कि कही ना कही सामूहिक प्रायास से इन त्यौहारों को संजोए रखने की जरूरत है।
इस बर्ष इक्का दुक्का घरों मे ही झूला देखने को मिली है रोजो पर्व के बाद अच्छी बारिश होने की संभावना जताया जा रहा है। दूसरी ओर सारंडा के घाटकुड़ी गांव में रोजो पर्व पर मेला व पारम्परिक नृत्य का आयोजन किया गया।
बीते 14 जून की रात पारम्परिक तरीके से गांव में दिऊरी द्वारा पहले पूजा-पाठ किया गया। तत्पश्चात घाटकुड़ी एवं आसपास के ग्रामीण व महिलायें ढोल व मांदर की थाप पर देर रात तक पारम्परिक नृत्य करते नजर आये। इस दौरान छोटी-छोटी दुकानें भी लगी, जहां बड़ी संख्या में बच्चे खरीददारी करते देखे गये।
ग्रामीण भोज चाम्पिया ने बताया कि रोजो पर्व में झूला झूलने की परम्परा है, लेकिन इस बार झूला वाला के नहीं आने से थोड़ा उत्साह कम पड़ा है। बताया कि यह पर्व 16 जून तक चलेगा। इस दौरान मानकी लागुड़ा देवगम, मुखिया राजू सांडिल, उप मुखिया रामेश्वर चाम्पिया, मुंडा बुधराम सिद्धू सहित दर्जनों रहिवासी मौजूद थे।
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