सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नक्सल प्रभावित गुवा के लिपुंगा गांव में पारम्परिक छाता मेला पर्व (जेठ पर्व) को हर्षोउल्लास से मनाने को लेकर 20 मई को विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से आगामी 24 मई से 26 मई तक उक्त पर्व को मनाने का फैसला लिया गया।
बैठक में बताया गया कि आगामी 24 मई को विधिवत पूजा-अर्चना किया जायेगा। वहीं 26 मई को तिरंदाजी, चटाई व झाडू़ बनाने, हंडी फोड़, मेढ़क रेस, दौड़, वाद्य यंत्र बजाना आदि अनेक प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
इस संबंध में स्थानीय समाजसेवी दारा सिंह चाम्पिया ने बताया कि छाता मेला पर्व आदिवासियों के पौराणिक व विलुप्त होती लोकप्रिय पर्व है। यह गर्मी के मौसम में अच्छी वर्षा होने की कामना के साथ आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह प्रकृति व कृषि से जुड़ा पर्व है। समय पर वर्षा होगी तो हमारा फसल भी अच्छा होगा। इसे जेठ पर्व भी कहा जाता हैं।
पर्व के दौरान कच्चे सखुआ के बडे़ पेड़ अथवा डंडा में रंगीन छतरी लगाकर काफी ऊंचाई पर खड़ा किया जाता है। इसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना के बाद ढोल, मांदर, नगाड़ों के बीच सभी पारम्परिक नृत्य-गान कर छाता मेला पर्व मनाते हैं।
आयोजित बैठक में समाजसेवी दारा सिंह चाम्पिया, संजय चाम्पिया, मोतरा चाम्पिया, सुखलाल चाम्पिया, विरेन्द्र चाम्पिया, गोनो चाम्पिया, गुरा जेराई, बामिया तिरिया, हरिश चाम्पिया आदि ग्रामीण रहिवासी मौजूद थे।
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