आदिवासी सदैव प्रकृति व पर्यावरण प्रेमी रहे हैं-प्रखंड प्रमुख
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में किरीबुरु के प्रोस्पेक्टिंग स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में 26 जुलाई को 74वां वन महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने यहां वृक्षारोपण किया।
सारंडा वन प्रमंडल के ससंगदा वन प्रक्षेत्र के तत्वाधान में किरीबुरु के प्रोस्पेक्टिंग स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में वन महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि नोवामुंडी प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, वन प्रमंडल पदाधिकारी सारंडा आलोक कुमार वर्मा, आदि।
सीआरपीएफ 26 बटालियन के सहायक कमांडेंट शिबु मलिक, सीआईएसएफ के इन्स्पेक्टर रुपेश लखवार, वन क्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत, मुखिया लिपि मुंडा, सेल अधिकारी संदीप भारद्वाज तथा ऋषभ सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद वन विभाग ने सभी अतिथियों को पौधा भेंट कर सम्मानित किया।
वन महोत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि पूनम गिलुवा ने कहा कि जंगल व पेड़-पौधे हमारे जीने का आधार है। इसके बगैर हम एक पल भी जिंदा नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी सदैव प्रकृति व पर्यावरण प्रेमी रहे हैं। हमें लकड़ी की जगह गैस का इस्तेमाल इंधन के रूप में करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति 10-10 पौधा लगाये।
वन प्रमंडल पदाधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। आप वन व पर्यावरण की रक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आपको अपने परिवार व समाज को वन व पर्यावरण की रक्षा हेतु जागरूक करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ससंगदा प्रक्षेत्र में लगभग 32000 पौधें लगाई जायेंगे। जिसकी शुरआत आज वन महोत्सव के साथ की गई है।
उन्होंने आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान देना चाहिए। हमारा कर्तव्य है कि हम आने वाली पीढ़ी को हर तरह से स्वच्छ वातावरण प्रदान करें। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव पेड़ों के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।
वन क्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत ने कहा कि सारंडा जंगल को सिर्फ आग व कटाई से बचा दिया जाये, तो इस जंगल में वन महोत्सव मनाने की कभी जरूरत नहीं पडे़गी। उन्होंने बताया कि वन महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1950 में कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य भारत का प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने में पेड़ों और जंगलों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
सीआरपीएफ 26 बटालियन के सहायक कमांडेंट शिबु मलिक ने कहा कि देश की उन्नति पर्यावरण के बगैर नहीं हो सकती। पेड़ हमारे लिये अनमोल है। यह हमारी जीने आधार है। सेल मेघाहातुबुरु के सहायक प्रबंधक संदीप भारद्वाज ने कहा कि सेल प्रबंधन पर्यावरण के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मेघाहातुबुरु प्रबंधन द्वारा 7 एकड़ में पेड़-पौधे लगाये जा रहे हैं।
पीसीएस स्कूल के बच्चों ने भी पेड़-पौधे व पर्यावरण पर अपने-अपने विचार दिये। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने पूजा पंडाल मैदान में पौधरोपण किया। डीएफओ ने सारंडा के विभिन्न वन समितियों को टॉर्च प्रदान किये। इस दौरान सेल अधिकारी, मजदूर नेता वीर सिंह मुंडा, पर्यावरण प्रेमी अरविन्द चौहान, ससंगदा प्रक्षेत्र, गुवा प्रक्षेत्र एवं समता प्रक्षेत्र के वनकर्मी उपस्थित थे।
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