बिना माइनिंग प्रमाण-पत्र संवेदनशील पद पर कार्यरत हैं 11 अधिकारी
एस.पी.सक्सेना/रांची(झारखंड)। कोल इंडिया लिमिटेड (Col India limited) की ईकाई सेंट्रल कोलफिल्ड्स लिमिटेड में अधिकारियों की बात ही निराली है। यहां कई अधिकारियों का तबादला एक वर्ष में तीन से चार बार कर दिया जाता है तो दर्जनों ऐसे भी अधिकारी हैं जो बतौर कर्मचारी सेवा प्रारंभ करने के बाद इसी क्षेत्र में अधिकारी के पद पर पदोन्नत होने के दशक बाद भी उसी क्षेत्र में जमे हैं। आश्चर्य तब और होता है जब संवेदनशील पदों पर आसीन कई माइनिंग अधिकारी कंपनी में बिना माइनिंग प्रमाण-पत्र जमा किये उक्त पद को तीन वर्ष से अधिक समय से सुशोभित कर रहे हैं। यह स्थिति सीसीएल के सभी क्षेत्रों में कमोवेश देखा जा सकता है।
बानगी के तौर पर सीसीएल के कथारा क्षेत्र में कार्यरत 69 अधिकारी(जिनमें कुछ सेवानिवृत हो चुके हैं)ऐसे हैं जो तीन वर्ष से अधिक समय से इसी क्षेत्र में सेवारत हैं। सीसीएल मुख्यालय रांची के महाप्रबंधक कार्मिक(ईई)ए के सिंह द्वारा चार जनवरी 2021 को जारी गोपनीय पत्र (पत्रांक:-GM(P)EE/CCL/SENCITIVE/21/80-84.) के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 68 ऐसे अधिकारी हैं जो तीन वर्ष से अधिक समय से कथारा क्षेत्र में कार्यरत हैं। जिसमें ई-7(उप महाप्रबंधक स्तर) से ई-1(सबोर्डिनेट अभियंता) स्तर के अधिकारी शामिल हैं। जानकार बताते हैं कि इनमें 11 ऐसे खनन अधिकारी हैं जिन्होंने अबतक संवेदनशील पद पर रहने के बावजूद अबतक माइनिंग प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया है। जानकारों की माने तो कथारा क्षेत्र में दर्जनों ऐसे अधिकारी कार्यरत हैं जिन्होंने बतौर कर्मचारी इसी क्षेत्र से सेवा प्रारंभ करने के बाद अधिकारी बने। वैसे अधिकारी दो दशक से अधिक समय से इसी क्षेत्र में जमे हैं। ऐसे में इन अधिकारियों से कार्यसंस्कृति कि बात करना बेनामी लगता है। साथ हीं मुख्य सतर्कता आयुक्त के वर्ष 1998 में जारी दिशानिर्देशों की खुलेआम अवहेलना होता दिख रहा है।
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